चॉकलेट कई रोगों से बचाव करने मददगार है। चॉकलेट मूड सही रखती है और साथ ही तनाव से भी दूर रखती है। चॉकलेट में उपस्थित मैग्नीशियम टाइप-2 मधुमेह, उच्च रक्त चाप और हृदय रोगों से बचाता है। जानिए चॉकलेट खाकर किन बीमारियों से बचा जा सकता है और क्या है इसका नुकसान…
चॉकलेट मानसिक रोगों में फायदेमंद है। ब्रिटेन के नॉटिंघम विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने शोध में पाया कि फ्लेवेनॉल से भरपूर चॉकलेट मस्तिष्क तक रक्त संचार को बेहतर करती है। यही कारण है कि डिमेंशिया और अल्जाइमर्स जैसे मानसिक रोगों से यह बचाव करती है। चॉकलेट जवां बनाए रखने में कारगर है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेन्ट होते हैं, जो शरीर को फ्री रैडिकल्स से मुक्त करने में सहायक हैं। बढ़ती उम्र दिखने और कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं फ्री रैडिकल्स।
चॉकलेट मानसिक रोगों में फायदेमंद है। ब्रिटेन के नॉटिंघम विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने शोध में पाया कि फ्लेवेनॉल से भरपूर चॉकलेट मस्तिष्क तक रक्त संचार को बेहतर करती है। यही कारण है कि डिमेंशिया और अल्जाइमर्स जैसे मानसिक रोगों से यह बचाव करती है। चॉकलेट जवां बनाए रखने में कारगर है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेन्ट होते हैं, जो शरीर को फ्री रैडिकल्स से मुक्त करने में सहायक हैं। बढ़ती उम्र दिखने और कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं फ्री रैडिकल्स।
चॉकलेट खाने से खांसी में भी आराम मिलता है। लन्दन के चिकित्सा शोधकर्ताओं ने कोको में मिलने वाले थियोब्रोमाइन तत्व से भरपूर ऐसी चॉकलेट तैयार की है, जिसे खाने से पुरानी खांसी से छुटकारा मिलता है। चॉकलेट एक बेहतर पेनकिलर भी है। चॉकलेट खाने के बाद ऐसे हॉर्मोन निकलते हैं, जिससे दर्द का एहसास नहीं होता।
ब्लड में शुगर का स्तर भी कम करती है। डार्क चॉकलेट के फ्लैवेनॉइड्स कोशिकाओं को सामान्य रूप से कार्य करने में सहायता करते हैं। चॉकलेट में पाए जाने वाले ग्लाइकेमिक रसायन ब्लड में शुगर के स्तर को बढऩे से रोकता है।चॉकलेट खाने का यह नुकसान चौंका देगा आपको। अगर आप जरूरत से ज्यादा चॉकलेट खाते हैं, इसका खमियाजा दमा के रूप में भुगतना पड़ सकता है। एक शोध में यह सामने आया है कि चॉकलेट में मौजूद शक्कर की मात्रा दमा व एलर्जी को बढ़ा सकती है। चॉकलेट में मौजूद ऑर्गेनिक कंपाउंड जिन्हें एमेनीज कहते हैं, दमा व एलर्जी का ट्रिगर हो सकते हैं।