घोड़ी पर चढ़कर दूल्हे को लेने पहुंची दुल्हन, परिवारजनों ने कहा- बेटियां बोझ नहीं, है अभिमान!

 आप लोगों ने अबतक दूल्हे को घोड़ी पर चढ़कर दुल्हन के घर बारात लाते तो अवश्य देखा होगा। किन्तु क्या आपने कभी किसी दुल्हन को घोड़ी पर चढ़कर दूल्हे के आवास में बारात ले जाते हुए देखा है। आपका उत्तर होगा, नहीं। तो आज हम आपको एक ऐसे वाकये के बारे में बताएंगे जो एमपी के सतना में देखने को मिला है। यह घटना अब चर्चाओं में छाया हुई है। 

एमपी के सतना शहर के वलेचा परिवार की इकलौती बेटी घोड़ी पर चढ़कर रवाना हुई। बड़े जश्न से बारात सतना से कोटा के लिए दूल्हे के घर के लिए रवाना हुई। परिजनों ने बेटी की घोड़ी पर चढ़ने की ख्वाहिश न सिर्फ पूरी की बल्कि समाज को यह मेसेज भी दिया कि बेटियां किसी पर बोझ नहीं है। परिवारजनों ने कहा कि बेटा और बेटी में कोई भिन्नता भी नहीं है। समाज में जितना हक़ पुत्रों को है उतना ही हक़ पुत्रियों को भी दिया जाए।

वहीं दुल्हन वलेचा ने बताया कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी घोड़ी पर बैठूंगी। जब मैंने देखा कि इन व्यक्तियों ने इतनी कुछ योजना बनाई है तो मुझे बहुत अच्छा लगा कि मेरा परिवार मेरे बारे में इतना सोचता है। दीपा ने कहा कि मैं यह मैसेज देना चाहती हूं कि लड़कियां अपने परिवार के लिए कभी बोझ नहीं होती हैं। सभी को सोचना चाहिए कि लड़कियां भी लड़कों के समान होती हैं। इसलिए उन्हें उतना ही स्नेह प्राप्त होना चाहिए जितना लड़कों को दिया जाता है। 

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