

दरअसल, मराठी समझा लालबाग के राजा की स्थापना चौक पर करता है। इस स्थान पर पूरा मराठी समाज जुटता है। प्रशासन ने गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए लक्ष्मीकुंड तय कर रखा है, जिसका मराठा गणेशोत्सव समिति विरोध कर रही थी। सोमवार समिति के पदाधिकारियों ने लालबाग के राजा की प्रतिमा को विसर्जित करने के लिए जुलूस निकाला। यह जुलूस जब गोदौलिया पहुंचा तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने प्रतिमा को आगे ले जाने से रोक दिया औऱ लक्ष्मीकुंड जाने के लिए कहा।
�इसको लेकर समिति पदाधिकारियों और पुलिसकर्मियों में बहस हो गई। मामले की जानकारी होने पर मौके पर पुलिस औऱ प्रशासन के अधिकारी भी पहुंच गए। उन्होंने आयोजकों को समझाने का प्रयास किया। आयोजक प्रतिमा को गंगा में ही विसर्जित करने पर अड़े थे। मामला बढ़़ने पर आयोजक धरने पर बैठ गए। अधिकारी उन्हें समझाने का प्रयास करते रहे। ज्यादा विवाद होने पर आयोजक प्रतिमा को वापस ले जाने की जिद कर रहे हैं। अभी समझाने का दौर जारी है।