कोरोना ने बढ़ाई देश भर की चिंता, इस नए रूप से सभी हैरान…

देश की सबसे बड़े मेडिकल शोध संस्था इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि एक बार कोरोना से संक्रमित हो चुके लोगों में फिर से इसका संक्रमण लग सकता है. ICMR ने कहा है कि देश में ऐसे तीन मामले मिले हैं जिन्हें कहा जा सकता है कि उन व्यक्तियों को फिर से कोरोना संक्रमण लगा है. इनमें से दो मामले मुंबई में और एक मामला अहमदाबाद का है. 

ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि संस्था ने किसी व्यक्ति को दोबारा संक्रमण लगने के लिए 100 दिनों का अंतराल रहा रखा है. उन्होंने कहा कि कुछ स्टडी में कहा गया है कि एंटीबॉडीज का खुद का लाइफ करीब 4 माह का होता है. उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि दोबारा संक्रमण का लगना एक समस्या है. सबसे पहले हांगकांग में ऐसा एक मामला आया था. इसके बाद भारत में भी कुछ ऐसे मामले आए हैं, जिन्हें दोबारा संक्रमण लगना कहा जा सकता है. इसमें से दो मामले मुंबई में और एक मामला अहमदाबाद का है. 

उन्होंने कहा कि हमें विश्व स्वास्थ्य संगठऩ (WHO) से कुछ आंकड़े मिले हैं. इन आंकड़ों से पता चलता है कि दुनिया में दोबारा संक्रमण के करीब दर्जन मामले सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि हम ICMR के डाटाबेस को खंगाल रहे हैं जिससे पता चल सके कि क्या देश में दोबारा संक्रमण के और मामले आए हैं. हम ऐसे मरीजों से टेलीफोन के जरिए संपर्क कर रहे है जिससे कि उनसे और आंकड़े जुटाए जा सके. 

भार्गव ने यह भी कहा कि अभी तक दोबार संक्रमण यानी Reinfection को डब्ल्यूएचओ ने परिभाषित नहीं किया है. पहली बार संक्रमण लगने के 90 दिन, 100 दिन या फिर 110 बाद लगने वाले संक्रमण को रिइंफेक्शन कहा जाएगा. इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है. हालांकि उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने 100 दिन का अंतराल तय किया है. हमारा मानना है कि किसी भी व्यक्ति के शरीर में इतने दिनों तक ही एंटीबॉडीज होता है ऐसे में कोरोना से ठीक होने के 100 दिनों बाद लगने वाले इंफेक्शन को रिइंफेक्शन की श्रेणी में रखा जा सकता है.

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