कोरोना के कहर को देखत हुए उत्तराखंड सरकार ने लिया बड़ा फैसला, जारी किया ये बड़ा आदेश

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने बिजली, पानी और सेहत पर फोकस करने का मन बनाया है। बिजली और पेयजल के साथ ही स्वास्थ्य सेक्टर में किसी भी तरह की हड़ताल को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा। जल्द ही इसके आदेश भी जारी हो जाएंगे।

कोरोना के तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच सरकार के लिए स्वास्थ्य सेक्टर में निरंतर सेवा को बनाए रखना जरूरी हो गया है। डाक्टरों, नर्स सहित अन्य स्टाफ की कमी से सरकार पहले से ही जूझ रही है। ऐसे में इस सेक्टर में हड़ताल होती है तो लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

यही हाल पेयजल सेक्टर का भी है। गर्मियों में प्रदेश में पेयजल की कमी होना अब सामान्य हो चला है। दूसरी ओर जलवायु परिवर्तन और अन्य कारणों से प्राकृतिक जल स्रोंतो की संख्या में तेजी से कमी हो रही है।

ऐसे में कोरोना संक्रमण के दौर में अगर इस सेक्टर में हड़ताल जैसी कोई बात होती है तो सरकार के साथ ही लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी ही गर्मी बढ़ने पर बिजली की सुचारु आपूर्ति भी जरूरी है।

हड़ताल का कोई शौक नहीं : कर्मचारी
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि उनको हड़ताल करने का कोई शौक नहीं है। हड़ताल के लिए कर्मचारियों को मजबूर किया जाता है। लंबे समय तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता।

कर्मचारी एकता मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पांडे के मुताबिक इसी को देखते हुए हड़ताल के प्रति अधिकारियों की जवाबदेही का मुद्दा उठाया गया था। इसके बाद शासन की ओर से विभागाध्यक्षों को नियमित रूप से कर्मचारी संगठनों से बात करने को कहा गया था, लेकिन इस आदेश का भी पालन नहीं हो रहा है।

कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए बिजली, पेयजल और स्वास्थ्य से संबंधित विभागों में हड़ताल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया जा रहा है। यह तीनों ही सेक्टर बेहद महत्वपूर्ण हैं। कोविड के इस दौर में प्रत्येक को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।

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