कोरोना के इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों की जारी मनमानी, उपचार के नाम पर मरीजों से चल रही लूट

कोरोना के इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों की मनमानी जारी है। उपचार के नाम पर मरीजों से लूट चल रही है। लगभग सारी दवाएं तीमारदारों से मंगाने के बाद भी लाखों का बिल थमाया जा रहा।ऐसा ही एक मामला चैक स्थित कामख्या हॉस्पिटल का सामने आया है। यहां पांच दिन के इलाज के एवज में एक मरीज को करीब दो लाख 77 हजार 718 रुपये का बिल थमा दिया। पीड़ित परिवार के तीन सदस्य अस्पताल में भर्ती थे।

आरोप है कि तीनों के इलाज पर करीब सात लाख रुपये से ज्यादा का बिल बना दिया। पीड़ित परिवारीजनों ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और जिलाधिकारी समेत अन्य लोगों को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच कराकर अधिक वसूली पर लगाम कसने की मांग की है। साथ ही अधिक वसूली गई रकम को वापस दिलाने की भी फरियाद की है।निरालानगर निवासी पवन कुमार गर्ग के मामा अरविन्द अग्रवाल कोरोना की चपेट में आ गए। जांच में अरविन्द के बेटे अक्षत और प्रख्यात अग्रवाल में भी संक्रमण की पुष्टि हुई। पवन कुमार ने 20 अप्रैल को सरकार द्वारा नामित कामख्या हॉस्पिटल में तीनों को भर्ती कराया। हॉस्पिटल प्रबंधन ने ऑक्सीजन का इंतजाम खुद से करने की शर्ते पर तीनों को भर्ती किया। पवन कुमार का आरोप है कि पांच दिन के इलाज का मोटा बिल अस्पताल प्रशासन ने थमा दिया। तीन लाख 60 हजार रुपये इंजेक्शन के एवज में जमा कराए। डिस्चार्ज होने तक करीब सात लाख 40 हजार रुपये जमा कराए जा चुके थे। किसी तरह पैसे जुटाकर जमा किए।सरांय माली खान व्यापार मंडल के अध्यक्ष आनंद रस्तोगी का आरोप है कि कामख्या अस्पताल में मरीजों से अनाप-शनाप पैसे वसूले जा रहे हैं। इस पर अंकुश लगाने के जरूरत है। व्यापार मंडल ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अस्पताल पर कार्रवाई करने की मांग की है।

कामख्या हॉस्पिटल के प्रबंधक डॉ. जेपी पांडेय ने बताया कि परिवारीजनों के आरोप बेबुनियाद हैं। किन मुसीबतों में मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। उन्हें इलाज मुहैया कराया जा रहा है। किसी तरह ऑक्सीजन जुटाई जा रही है। ताकि मरीजों को सांसें दी जा सकें। परिवारीजन को बेहतर इलाज मुहैया कराया। तीनों स्वास्थ्य होने के बाद डिस्चार्ज किए गए। इलाज पर आया खर्च ही मरीजों से लिया गया है। मरीज व उनके परिवारीजन स्थानीय लोगों के साथ मिलकर राजनीति कर रहे हैं। अस्पताल का नाम बदनाम करने पर अमादा हैं।

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