कोरोना की वजह से एयर इंडिया ने दिल्ली-मॉस्को की फ्लाइट को बुलाई वापस, सामने आया ये होश उड़ा देने वाला मामला…

पायलट के कोविड-19 से संक्रमित होने का पता चलने के बाद एयर इंडिया की दिल्ली से मास्को जाने वाली फ्लाइट को आधे रास्ते से दिल्ली वापस बुला लिया गया है। विमान के वापसी पर अधिकारियों ने कहा कि उड़ान से पहले जांच रिपोर्ट में एक गलती थी, जिसे शुरू में नेगेटिव के रूप में पढ़ा गया था। अधिकारियों ने कहा कि उड़ान के के दौरान पायलट की तबीयत बिगड़ने के बाद बाद फ्लाइट को वापस बुलाया गया। सूत्रों ने बताया कि यह विमान वंदे भारत मिसन के तहत रूस में फंसे भारतीयों को लाने के लिए दिल्ली से मॉस्को के लिए उड़ान भरा था। इसलिए इस फ्लाइट में कोई यात्री नहीं था।

सूत्रों ने बताया कि विमान ने शनिवार सुबह मॉस्को के लिए उड़ान भरी थी। इस विमान में दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान के लोगों को रूस से वापस लाया जाना था। रास्ते में पायलट को जानकारी दी गयी कि उसकी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। इसके बाद विमान को आधे रास्ते से वापस लौटा लिया गया। अब विमान को पूरी तरह विसंक्रमित करने के बाद नये चालक दल के साथ मॉस्को भेजा जायेगा। 

इस संबंध में पूछे जाने पर एयर इंडिया ने मामले पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है हालाँकि मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि मॉस्को से दिल्ली के रास्ते जयपुर जाने वाली उड़ान में ‘तकनीकी कारणों’ से देरी हो रही है। स्थानीय समयानुसार उड़ान सुबह 11.5० बजे रवाना होनी थी। उसने अभी उड़ान के लिए कोई नया समय नहीं बताया है। 

गौतरतलब रहे कि कोरोना संकट की वजह से विदेशों में फंसे भारतीयों की वतन वापसी का अभियान वंदे भारत चलाया जा रहा है। वंदे भारत मिशन के तीसरे चरण की भी तैयारी शुरू हो गई है। फिलहाल वंदे भारत मिशन का दूसरा चरण जारी है। वंदे भारत मिशन के दूसरे चरण के तहत सरकार 60 देशों में फंसे अपने एक लाख नागरिकों को वापस लाने की योजना बना रही है। 

वंदे भारत मिशन का दूसरा चरण पहले 22 मई को समाप्त होना था। हालांकि सरकार ने इसे 13 जून तक बढ़ा दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को इस व्यापक अभियान में शामिल सभी एजेंसियों और मंत्रालयों के साथ बैठक की। विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि बैठक का उद्देश्य वंदे भारत मिशन का विस्तार करना और इसकी क्षमता बढ़ाना था। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में 60 देशों से एक लाख भारतीयों को वापस लाने का लक्ष्य है।  मिशन का दूसरा चरण 17 मई को शुरू हुआ था।

विदेश मंत्री ने कहा कि भारतीय मंगलवार से सीमाक्षेत्रों से सड़क मार्गों से भी घर वापसी कर रहे हैं। वंदे भारत मिशन के पहले चरण की शुरुआत सात मई को हुई थी, जो 15 मई तक चला था। इसमें सरकार ने 12 देशों से करीब 15 हजार भारतीयों को निकाला।

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