
केंद्र सरकार ने कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए आम आदमी को राहत देते हुए बड़ी घोषणा की है। इसके तहत यदि आप 2 हजार रुपए तक की कोई वस्तु और सेवा की खरीद-फरोख्त अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड से कर रहे हैं तो अब इस पर आपको सर्विस टैक्स नहीं देना होगा।
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आपको बता दें कि अभी उपभोक्ताओं को डेबिट, क्रेडिट ट्रांजैक्शन पर 15 फीसदी सर्विस टैक्स देना पड़ता है। कैशलेस इकॉनमी के लिए प्रयासरत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट जैसे पेटीएम से भुगतान की सीमा भी बढ़ा दी है। ई वॉलेट से पेमेंट की सीमा 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपए की जा चुकी है।हाल ही में आईआरसीटीसी ने भी नोटबंदी की वहज से परेशान लोगों को राहत देते हुए 31 दिसंबर 2016 तक ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग पर लगने वाला सर्विस चार्ज हटाने की फैसला किया था।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल में सरकारी कार्यों में नकदी का इस्तेमाल कम करने के लिए नए आदेश जारी किए। उन्होंने इस नए आदेश में सरकारी विभागों को कहा कि वे वेंडरों और ठेकेदारों को 5 हजार से ज्यादा नकरदी का भुगतान न करें। वित्त मंत्री द्वारा अनुमोदित, व्यय विभाग द्वारा सोमवार को जारी किए गए ज्ञापन में मंत्रालयों से कहा गया है कि वह 5 हजार रुपए से ज्यादा के बकाया के भुगतान के लिए ई-पेमेंट सुवधिाओं को प्रयोग करें।
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी के 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद सरकार ने यह बार बार तमाम बयानों में कहा है कि वह काले धन को हतोत्साहित करने के लिए कैशलेस इकॉनमी यानी नकदी रहित लेन-देन की ओर देश को ले जाना चाहती है।