कर्मकार कल्याण बोर्ड को कंपनी ने वापस की 18 करोड़ की राशि: UK

उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से कोटद्वार में ईएसआइ अस्पताल निर्माण के लिए ब्रिज एंड रूफ कंपनी को 20 करोड़ की धनराशि दिए जाने का मामला सुर्खियां बनने के बाद अब कंपनी ने 18 करोड़ की राशि वापस लौटा दी है। बोर्ड ने कंपनी को शेष दो करोड़ की राशि तुरंत लौटाने के निर्देश दिए हैं। ऐसा न करने पर दंडात्मक कार्यवाही की चेतावनी भी दी गई है। उधर, बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल ने सहायक श्रमायुक्तों समेत अन्य अधिकारियों की बैठक ली और श्रमिकों से संबंधित विभिन्न योजनाओं में आए आवेदन पत्रों को 15 जनवरी तक निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं।

कर्मकार कल्याण बोर्ड अक्टूबर से सुर्खियों में है। तब श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाकर शमशेर सिंह सत्याल को यह जिम्मेदारी दे दी गई। इसके बाद बोर्ड का नए सिरे से गठन हुआ और बोर्ड ने पहली ही बैठक में पिछले बोर्ड के तमाम फैसलों को पलट दिया। इस दौरान ये बात सामने आई कि बोर्ड में विभिन्न कार्यों में न सिर्फ नियमों की अनदेखी की गई, बल्कि वित्तीय अनियमितताएं भी बरती गई। तभी बोर्ड द्वारा पूर्व में अपात्रों को साइकिल बांटने का प्रकरण उछला। हालांकि, बोर्ड के कामकाज का कैग ऑडिट कर रहा है, जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है।

इस बीच कोटद्वार में ईएसआइ के अस्पताल निर्माण के लिए पूर्ववर्ती बोर्ड द्वारा 20 करोड़ की राशि ब्रिज एंड रूफ कंपनी को दिए जाने का प्रकरण सामने आया। बोर्ड ने कंपनी को उसकी यह राशि वापस लौटाने के लिए पत्र भेजा। साथ ही शासन द्वारा एक आइएसएस की अध्यक्षता में इसकी जांच को अन्वेषण समिति गठित कर दी गई।

हालांकि, बाद में श्रम मंत्री डॉ. रावत ने बाकायदा पत्रकार वार्ता कर दावा किया कि मुख्यमंत्री और तत्कालीन वित्त मंत्री के अनुमोदन के बाद बोर्ड से ईएसआइ को कोटद्वार में अस्पताल निर्माण के लिए बोर्ड से ऋण के रूप में 50 करोड़ की राशि देने का निर्णय लिया गया। इसमें पहली किस्त के रूप में 20 करोड़ की राशि अगस्त में दी गई। साथ ही ईएसआइ, बोर्ड और ब्रिज एंड रूफ कंपनी के मध्य एमओयू हुआ। विधानसभा के हालिया शीतकालीन सत्र में कर्मकार कल्याण बोर्ड में अनियमितता का मामला उठा था।

अब ब्रिज एंड रूफ कंपनी ने बोर्ड को 18 करोड़ की राशि लौटा दी है। साथ ही कंपनी की ओर से जानकारी दी गई है कि दो करोड़ की राशि कोटद्वार अस्पताल के लिए डीपीआर तैयार करने समेत अन्य प्रशासनिक कार्यों में खर्च हुई है। बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल ने बताया कि कंपनी को शेष दो करोड़ की राशि लौटाने के निर्देश दिए गए हैं। वजह ये कि इस कार्य की वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति नहीं दी गई थी।

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कांग्रेस ने फिर सरकार पर साधा निशाना 

सदन में कर्मकार कल्याण बोर्ड में अनियमितता का मामला उठाने के बाद कांग्रेस ने फिर सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने सवाल उठाया कि यदि सबकुछ सही था और वित्तीय नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ था तो कंपनी ने बोर्ड को राशि क्यों लौटाई। सरकार को यह भी बताना चाहिए कि दो करोड़ रुपये कहां गए।

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