
अहमदाबाद। आप कभी अहमदाबाद घूमने जाएं तो लाल दरवाजा के पास लकी रेस्टोरेंट के खाने का लुत्फ़ जरूर लीजिएगा। यह अनोखा रेस्टोरेंट है। अनोखा इस मायने में कि यहां 12 कब्रें बनी हैं, वो भी रेस्टोरेंट के भीतर। चौंक गए न। लेकिन रेस्टोरेंट में कब्रों का होना भी एक सच है।
न्यू लकी रेस्टोरेंट
न्यू लकी रेस्टोरेंट एक बहुत पुराने कब्रिस्तान पर बना है। इस रेस्टोरेंट के मालिक कृष्णन कुट्टी हैं। कृष्णन ने जब पुराने कब्रिस्तान पर रेस्टोरेंट खोलने के बारे में सोचा तो उन्होंने कब्रों को हटाने की बजाय उनके चारों ओर ही कुर्सी-मेज लगाने का फैसला किया।
अच्छी किस्मत
यह कब्रें पुराने मुस्लिम कब्रिस्तान की हैं और आज यह जगह बूढ़े और जवान लोगों के लिए खाने-पीने का मशहूर अड्डा बन चुकी है। कुट्टी कहते हैं, ‘कब्र अच्छी किस्मत लेकर आती है। इन कब्रों की वजह से हमारा बिजनेस फल-फूल रहा है। यहां आकर लोगों को अनूठा अनुभव मिलता है। कब्रें पहले जैसी थीं, अब भी वैसी ही हैं। हमारे ग्राहकों को इससे कोई आपत्ति नहीं।
एमएफ हुसैन भी आए थे
रेस्टोरेंट खुलते ही साफ-सफाई के बाद सबसे पहले इन कब्रों पर फूल और चादर चढ़ाई जाती है। रेस्टोरेंट के साथ इन कब्रों को भी सजाया गया है। कृष्णन का कहना है कि यहां साल 2004 में विख्यात चित्रकार स्व. एमएफ हुसैन भी आए थे और उन्होंने एक चित्र बनाकर उन्हें भेंट किया था।
सूफी संतों की कब्र
कब्रें किन लोगों की हैं, इस बारे में रेस्टोरेंट के मालिक को कुछ खास नहीं पता है। कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि यह कब्रें 16वीं सदी के सूफी संत के शिष्यों की हैं। रेस्टोरेंट के पास में ही सूफी संतों की दरगाह है। रेस्टोरेंट के अंदर करीब दर्जन भर कब्रें हैं, जिनके चारों ओर लोहे की छड़ें लगाईं गईं हैं।