एफडी का विकल्प है डेट म्युचुअल फंड

debt_mf_web_2015926_204953_26_09_2015आज भी निवेशक म्युचुअल फंड और शेयर बाजार का अंतर समझने में कठिनाई महसूस करते हैं। इसके चलते वो अच्छे रिटर्न, तुरंत पैसा और टैक्स की छूट जैसी सुविधाओं का उपयोग नहीं ले पाते। म्युचुअल फंड के औसत एसेट अंडर मैनेजमेंट का 72 फीसदी डेट फंड में निवेश होता है। कई रिटेल निवेशक बैंक एफडी, सरकारी सिक्योरिटी, एनसीडी जैसे इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं। लेकिन बहुत से निवेशकों को ये जानकर आश्चर्य होगा कि देश में फिक्स्ड इनकम फंड इन्हीं सब एसेट्स में निवेश करते हैं। निवेशकों को डेट फंड में अपने रिस्क के हिसाब से कई स्कीमों को चुनने का भी विकल्प होता है। निवेशक के सामने लिक्विड फंड, लिक्विड प्लस फंड, शॉर्ट टर्म इनकम फंड और गिल्ट फंड में से चुन सकता है।

एफडी से ऐसे बेहतर है डेट फंड

महंगाई के मोर्चे पर बेहतर

आमतौर पर निवेशक एफडी में पैसा डालना पसंद करते हैं। लेकिन इसमें पैसा निवेश करते समय वो महंगाई को भूल जाते हैं। मान लीजिए आपने एफडी में पैसे निवेश किए हैं। वहां से आपको 7 फीसदी रिटर्न मिल रहा है। लेकिन अगर महंगाई बढ़ी और ये 8 फीसदी से ऊपर पहुंच गई तो आपको 1 फीसदी का नुकसान होगा। ऐसे समय ही डेट फंड काम आते हैं। बेहतर पोर्टफोलियो एलोकेशन से डेट फंड से अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं।

टैक्स के बाद मिलने वाले रिटर्न में भी एफडी से आगे

कई बार निवेशक एफडी का टैक्स जोड़े बिना ही उसके रिटर्न की तुलना डेट स्कीमों से कर एफडी को बेहतर बता देते हैं। लेकिन ये सही नहीं है। निवेशकों को हमेशा एफडी और डेट स्कीम में टैक्स लगने के बाद के रिटर्न की तुलना करनी चाहिए। जब आप इस तरह से तुलना करेंगे तो डेट फंड का रिटर्न एफडी से ज्यादा रहेगा।

कभी भी बेचकर पैसा लेने की सुविधा, कोई पेनल्टी नहीं

आप कभी भी डेट फंड बेचकर अपना पैसा वापस ले सकते हैं। लेकिन अगर आपने मैच्युरिटी से पहले एफडी तुड़वाई तो आपको पेनल्टी भरनी पड़ेगी। म्युचुअल फंड में आप हर महीने 2 हजार से 3 हजार निवेश कर सकते हैं। लेकिन क्या आप हर महीने इतने की एफडी के बारे में सोंचेगे।

फीस भी कम

इन फंड के जरिए इंस्टीट्यूशनल निवेशक अच्छा पैसा बना रहे हैं लेकिन रिटेल निवेशक इसका फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। अगर आप एक डॉक्टर को अपने इलाज के लिए फीस दे सकते हैं तो फाइनेंशियल सर्विसेज को ठीक से मैनेज करने के लिए भी थोड़ी सी फीस दी जा सकती है। रिटर्न की तुलना में ये फीस बहुत कम होती है।

तो अगली बार एफडी करने जा रहे हैं तो एक बार डेट फंड के विकल्प को जरूर देखें।

 
 
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