उम्मेद भवन : वेडिंग के बाद रॉयल हनीमून के लिए जाये

हिल स्टेशन, बीच से अलग हटकर किसी ऐसी जगह हनीमून की प्लानिंग कर रहे हैं जहां रॉयल फीलिंग आए तो इसके लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं। इंडिया में ऐसी जगहों की कमी नहीं और उनमें से ही एक है जोधपुर का उम्मेद भवन। समृद्ध विरासत और संस्कृति के धनी राजस्थान में राजसी महलों की शान अद्भुत है।

जोधपुर का शाही महल उम्मेद भवन पैलेस हर राजसी परंपरा से आपका परिचय कराता है। इसके मालिक हैं महाराजा गज सिंह। उनके पिता महाराजा उम्मेद सिंह ने इसे बनवाया था। इसके संग्रहालय में राजसी हवाई जहाज के मॉडलों, हथियारों, प्राचीन वस्तुओं, घडि़यों, बर्तनों, कटलरी, तस्वीरों और शिकार की ट्रॉफियां तक संजोयी गई हैं।

प्राचीन वस्तुओं का यह अनूठा संग्रह जोधपुर के शाही वैभव का एहसास कराता है। आज यह महल बड़े बिजनेस घरानों की शाही शादियों और बॉलीवुड फिल्मों के लिए रॉयल डेस्टिनेशन है। साल 1929 में महाराजा उम्मेद सिंह ने इसका निर्माण शुरू कराया था। इसका डिजाइन ब्रिटेन के हैनरी लैंचेस्टर ने करीब पांच साल में तैयार किया था।

उन्मेद भवन की अनोखी बनावट

उम्मेद भवन साल 1943 में बनकर तैयार हो गया था। इसमें कुल 347 कमरे और हॉल हैं। आजादी के बाद साल 1978 में इसे होटल में बदल दिया गया। हालांकि आज भी इसके एक भाग में पूर्व नरेश का परिवार रहता है। जोधपुर के मशहूर चित्तर पत्थर से बना होने के कारण स्थानीय लोग इसे चित्तर पैलेस के नाम से भी जानते हैं।

महल को तराशे गए बलुआ पत्थरों को जोड़कर बनाया गया है। मजे की बात यह है कि पत्थरों को बांधने के लिए किसी मसाले का उपयोग नहीं किया गया। उम्मेद भवन पैलेस जोधपुर रेलवे स्टेशन से करीब 5 किलोमीटर और मेहरान गढ़ किले से छह किलोमीटर की दूरी पर है। जोधपुर जाकर महल में ठहरना किसी यादगार लम्हे से कम नहीं होगा।

कैसे पहुंचे

जोधपुर में एयरपोर्ट होने से यहां जाने के लिए फ्लाइट सुविधा ले सकते हैं। दिल्ली से जोधपुर के लिए एसी बस सर्विस भी अवेलेबल है। इसके अलावा जोधपुर के लिए ट्रेन कनेक्टिविटी भी अच्छी है।

Back to top button