इस LAKE के पानी को छूने वाला बन जाता है पत्थर।

इस झील के आसपास ढेरों पशु-पक्षियों के ढांचे नजर आते हैं जो पत्थर के हैं। साइंटिस्ट के मुताबिक, इस झील का पानी रासायनिक है, जिसकी वजह से यहां जाने वाले पशु-पक्षी कैल्सिफाइड होकर पत्थर बन जाते हैं।

LAKE के पानी को छूने वाला बन जाता है पत्थर।

पर्यावरणविद् और वाइल्ड फोटोग्राफर ब्रेंडेट ने अपनी एक किताब ‘एक्रॉस द रेवेज्ड लैंड’ में इसका खुलासा किया है कि पानी में नमक और सोडा की मात्रा जरूरत से कई गुना ज्यादा है। यही मात्रा इन पक्षियों की डेड बॉडी को सुरक्षित रखती है।

बता दें कि पानी में अल्कलाइन का स्तर पीएच9 से पीएच 10.5 है, यानी अमोनिया जितना अल्कलाइन। वहीं, लेक का तापमान भी अक्सर 60 डिग्री से ऊपर पहुंच जाता है। पानी में एक ऐसा तत्व भी पाया गया जो ज्वालामुखी की राख में होता है।

इस तत्व का प्रयोग मिस्रवासी ममियों के लिए करते हैं। यही कारण है कि इस झील में ज्यादा वक्त बिताने वाले जानवर रासायनिक मौत का शिकार होकर पत्थर में बदल जाते हैं। इन फोटोज को फोटोग्राफर निक ब्रैन्डट ने क्लिक किया है।

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