इन 8 बड़े झटकों ने बढ़ाई मोदी सरकार की टेंशन, देखे पूरी लिस्ट

अर्थव्‍यवस्‍था के लिहाज से अक्‍टूबर का महीना केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बेहद निराश करने वाला है. इस महीने में अब तक कई ऐसे आंकड़े आए हैं जो अर्थव्‍यवस्‍था की बदहाली की कहानी कह रहे हैं. इन हालातों में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की चुनौतियां बढ़ गई हैं. बहरहाल, आइए जानते हैं अर्थव्‍यवस्‍था से जुड़े 8 ताजा आंकड़ों के बारे में. 

7 साल के खराब दौर में औद्योगिक उत्पादन

औद्योगिक उत्पादन के ताजा आंकड़े भी बताते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है. अगस्‍त महीने में औद्योगिक उत्पादन 1.1 फीसदी घट गया. यह औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर पिछले 7 साल का सबसे खराब प्रदर्शन है. वहीं दो साल में यह पहला मौका है जब औद्योगिक उत्पादन नकारात्मक दायरे में आया है. आंकड़ों के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग, बिजली और खनन क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन की वजह से ये हालात बने हैं.

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ऑटो इंडस्‍ट्री की सुस्‍ती बरकरार

नरेंद्र मोदी सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद ऑटो इंडस्‍ट्री की मंदी बरकरार है. दरअसल, वाहन निर्माताओं के संगठन सियाम ने बताया है कि सितंबर में कारों की बिक्री एक बार फिर लुढ़की है. सियाम के आंकड़ों के मुताबिक  पैसेंजर व्‍हीकल्‍स की बिक्री 23.69 फीसदी गिर गई है.

वहीं कॉमर्शियल व्‍हीकल्‍स की बिक्री 62.11 फीसदी कम हुई है. यह लगातार 10वां महीना है जब ऑटो इंडस्‍ट्री पस्‍त नजर आ रही है. अहम बात ये है कि फेस्टिव सीजन में भी यह सुस्‍ती देखने को मिल रही है. ऐसा माना जाता है कि फेस्टिवल के मौके पर लोग कारों की खरीदारी करना शुभ मानते हैं.

मूडीज ने घटाया जीडीपी का अनुमान

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को एक बार फिर घटा दिया है. ताजा रिपोर्ट में मूडीज का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ 5.8 फीसदी रह सकती है. इससे पहले पहले मूडीज का जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6.2 फीसदी था. इस लिहाज से मूडीज ने जीडीपी ग्रोथ अनुमान में 0.4 फीसदी की कटौती की है. 

इसके साथ ही मूडीज ने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को लेकर गंभीर चेतावनी भी दी है. मूडीज ने कहा है कि अगर अर्थव्यवस्था में सुस्ती जारी रहती है तो सरकार की राजकोषीय घाटा कम करने की कोशिश को झटका लगेगा. इसके साथ ही कर्ज का बोझ भी बढ़ता जाएगा.

RBI ने भी दिया है झटका

मूडीज की तरह देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान घटाया है. आरबीआई के अनुमान के मुताबिक इस वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी की दर से हो सकता है. इससे पहले आरबीआई ने 6.9 फीसदी की दर से जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जताया था.यानी कुछ महीनों में ही आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमानित आंकड़े में 0.8 फीसदी की कटौती कर दी है.

जीएसटी कलेक्‍शन में आई गिरावट

हाल ही में सितंबर महीने के गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) कलेक्शन के आंकड़े जारी हुए हैं. सितंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन कुल 91,916 करोड़ रुपये का रहा है.

इससे पहले अगस्त महीने में जीएसटी कलेक्शन 98,203 करोड़ रुपये था. इसका मतलब यह हुआ कि अगस्त के मुकाबले में सितंबर में कुल 6287 करोड़ रुपये जीएसटी कम आया है. अहम बात यह है कि सरकार हर महीने 1 लाख करोड़ से अधिक के जीएसटी कलेक्‍शन का लक्ष्‍य हासिल करना चाहती है.

वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की रैंकिंग में गिरावट

हाल ही में वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (WEF) ने भी भारत को झटका दिया है. दरअसल, अर्थव्यवस्था में प्रतियोगिता के लिए लाई जाने वाली बेहतरी को आंकने वाली WEF की रैंकिंग में भारत 10 पायदान गिर गया है.

ग्लोबल कॉम्पिटिटिव इंडेक्स में पिछले साल भारत 58वें नंबर पर था लेकिन अब वह 68वें नंबर पर पहुंच गया है. भारत की रैंकिंग गिरने की वजह दूसरे देशों का बेहतर प्रदर्शन बताया जा रहा है. इस इंडेक्स में चीन भारत से 40 पायदान ऊपर 28वें नंबर पर है, उसकी रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं आया है.

IMF ने भी दी चेतावनी

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की हालत पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी चिंता जाहिर की है. आईएमएफ चीफ क्रिस्टालिना जॉर्जिएवा ने कहा कि अमेरिका, जापान जैसे विकसित देशों में आर्थ‍िक गतिविधियां नरम पड़ रही हैं, खासकर यूरोप में. दूसरी तरफ, भारत और ब्राजील जैसे देशों में इस साल आर्थिक सुस्ती ज्यादा मुखर रूप में दिखी है. उन्होंने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी अब सुस्त पड़ने लगी है.

 

 

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