
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सबसे खास प्रोजेक्ट मेड इन इण्डिया नहीं बल्कि मेड इन चाइना है। गुजरात में बनने वाली विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति के तौर पर चर्चित स्टैचू ऑफ यूनिटी को चीन के नानचांग प्रांत में बनाया जा रहा है।
182 मीटर ऊंची इस मूर्ति को सरदार सरोवर बांध के पास स्थापति किया जाना है। इसे एक ‘राष्ट्रीय परियोजना’ का दर्जा दिया गया है। सरदार पटेल होते तो शायद उन्हें यह कभी रास नहीं आता। दरअसल, सरदार पटेल चीन के नीतियों के खिलाफ थे। इसका जिक्र उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से भी किया था।
वहीं, सरदार पटेल की मूर्ति बनाने में चीन की मदद लेने पर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा और मोदी मेड इन इण्डिया की बात करते हैं। लेकिन यहां तो उनकी सबसे खास योजना ही चाइना में बन रही है।
हालांकि अब गुजरात भाजपा का कहना है कि मूर्ति बनाने का कांट्रैक्ट लेने वालों को अपना माल कहीं से मंगाने से तो नहीं रोका जा सकता। वहीं, सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट के अध्यक्ष के श्रीनिवास ने कहा कि इस विश्वस्तरीय परियोजना के लिए जिस कांट्रैक्टर की मदद ली जा रही है, वह अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं। प्रतिमा में लगने वाली कांसे की प्लेट ही बाहर से मंगाई जा रही है। तीन हजार करोड़ की लागत वाली इस प्रतिमा का निर्माण चार साल में होना है। इसे बनाने का जिम्मा निर्माण क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक लार्सेन एण्ड टूब्रो को दिया गया है।
लार्सेन एण्ड टूब्रो के प्रवक्ता का कहना है कि यह सिर्फ एक प्रतिमा नहीं बल्कि धरोहर है। इसे कहीं से उठाकर यहां नहीं लाया जा सकता। इसे अलग-अलग हिस्सों में बनाया जा रहा है। इसकी ढलाई का काम करीब-करीब पूरा हो गया है।
बता दें कि मोदी ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाने का ऐलान किया था। इसके लिए पूरे देश में लोहा जुटाने की कोशिशें भी की गई थीं। इसमें भाजपा के साथ ही इसके अनुशांगिक संगठनों ने भी काफी मदद की थी। हालांकि इसके बावजूद प्रतिमा बनाने में चीन की मदद लेनी ही पड़ी।