इंडियन आर्मी को मिला नया प्रलयदूत; एक फायर से पाक बन जायेगा शमशान

उरी हमले के बाद INDIA अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाने में लगा हुआ है। सरकार ने पहले RAFEL DEAL पक्की की और अब एक नया प्रलयदूत मिल गया है। राफेल विमानों के बाद भारत को एक और प्रलयदूत मिलने वाला है। हारपून मिसाइलें जल्द ही भारत को मिल जाएंगी। अमेरिकी ने बोइंग कंपनी के साथ करार किया है।
जरूरी है सैन्य ताकत बढ़ाना
तनाव के मामले को अगर किनारे भी रख दें तो भारत के लिए अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाना जरूरी था। पिछले काफी समय से देश ने कोई नया रक्षा सौदा नहीं किा था। मोदी सरकार ने सत्ता संभालने के साथ ही सेना को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने का काम शुरू किया।
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पुराने रक्षा समझौतों को नई तेजी दे गई। इसी कड़ी में फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा किया गया। जिसके तहत 2019 तक भारत को राफेल विमान मिलने लगेंगे। राफेल के आने के बाद भारत की वायुसेना की ताकत और बढ़ जाएगी।
मिसाइलों पर सरकार की नजर
वायुसेना को मजबूती देने के बाद अब भारत ने मिसाइलों पर नजर गड़ाई है। इसी कड़ी में अमेरिका ने भारत को हारपून मिसाइलों की सप्लाई का रास्ता साफ किया है।

भारत को हारपून मिसाइलों की आपूर्ति के लिए अमेरिकी रक्षा विभाग ने बोइंग कंपनी के साथ 8 करोड़ 10 लाख डॉलर का करार किया है।
अमेरिका से 89 हारपून मिसाइल खरीदेगा भारत
मीडिया की रिपोर्ट्स के हवाले से ये खबर आ रही है कि विदेश सैन्य बिक्री कार्यक्रम के तहत भारत के लिए बोइंग को 89 हारपून मिससाइलों और संबंधित उपकरणों की खरीद के लिए 22 खेप का करार किया गया है। ये मिसाइलें अमेरिका में कई जगहों पर बनाई जाती हैं।

कुछ मिसाइलें ब्रिटेन में भी बनाई जाती हैं। इन मिसाइलों के 2018 तक तैयार होने की उम्मीद है। बता दें कि हारपून मिसाइल को दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक माना जाता है। भारत इन मिसाइलों को बोइंग पी8आई पोसायडन मैरीटाइम सर्विलांस एयरक्राफ्ट में लाएगा
है क्या हारपून
गौरतलब है कि हारपून एंटीशिप मिसाइल है। ये 124 किलोमीटर तक मार कर सकती है। इसकी खासियत ये है कि ये हर मौसम में हवा से जमीन पर, जमीन से हवा पर और एयरफोर्स के वॉरशिप से भी दागा जा सकता है। इस मिसाइल के भारतीय बेड़े में शामिल होने की खबर से ही दुश्मनों के होश फाख्ता हो रहे हैं।

कई देशों में जलवे दिखा चुकी है हारपून
हारपून मिसाइल का जलवा अमेरिका कई देशों में दिखा चुका है। इसकी अचूकता के कायल तो सभी हैं। अब यही मिसाइल प्रल्यदूत की तरह भारत के दुश्मनों के खिलाफ इस्तेमाल की जाएगी। बता दें कि हारपून मिसाइलों का निर्माण अमेरिका में अलग-अलग जगहों पर किया जाता है। कुछ इंग्लैंड में बनती हैं। हारपून मिसाइल को ब्लॉक टू बोइंग डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी की तरफ से तैयार किया जाता है।

हर मौसम में दाग देती है मिसाइल
हारपून हर मौसम में दागे जाने की क्षमता रखती है। हारपून मिसाइलल अपने हल्के वजन के कारण तेजी से दुश्मन के ठिकानों को तबाह करती है। ये मिसाइल 221 किलोग्राम के परंपरागत और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। हारपून मिसाइल अमेरिका की ही टॉम हॉक मिसाइल को टक्कर देती है। हालांकि भारत के पास पहले से ही ब्रह्मोस मिसाइल है जो इन दोनो मिसाइलों को टक्कर देती है। मगर हारपून मिसाइल 1977 से अपना जलवा दिखा रही है।