आयुष मंत्रालय के जवाब पर उठे सवाल ‘असली या फर्जी’

एजेंसी/आरटीआई के तहत आयुष मंत्रालय से मांगे गए एक जवाब ने सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। योगा शिक्षकों की भर्ती के संबंध में मंत्रालय से पूछे गए सवाल पर जो जवाब मिला है उसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि अब मंत्रालय ने उक्त जवाब को अपना मानने से ही इंकार कर दिया है।
विश्व योग दिवस पर योग की जानकारी देने के लिए नियुक्त किए गए योग शिक्षकों के संबंध में मांगी गई जानकारी के बारे में आयुष मंत्रालय ने जवाब दिया है कि उसने किसी मुस्लिम योग शिक्षक की नियुक्ति नहीं की है, क्योंकि यह उसकी पॉलिसी के विरुद्ध है।
आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आयुर्वेद, योगा और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी और होम्योपैथिक उपचार आते हैं। मंत्रालय उपचार की इन पुरातन विधियों के प्रचार प्रसार और बढ़ावा देने का कार्य करता है। केन्द्रीय मंत्री श्रीपद नाइक के नेतृत्व वाले आयुष मंत्रालय ने ही बीते 15 अक्टूबर को विश्व योगा दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया था।
इसी दिन के लिए काफी संख्या में अस्थायी तौर पर योग शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। इस संबंध में पुष्प शर्मा की ओर से दायर की गई आरटीआई में इस बात की जानकारी मांगी गई थी कितने मुस्लिम उम्मीदवारों ने इसके लिए अप्लाई किया था।द हफिंगटन पोस्ट ने मिल्ली गैजेट अखबार के हवाले से बताया कि इसके जवाब में मंत्रालय ने जानकारी दी कि कुल 3841 उम्मीदवारों में से किसी मुस्लिम का चयन नहीं किया गया।
वहीं यह भी पता चला है कि योग दिवस के लिए विदेशी असाइनमेंट के लिए भी 711 मुस्लिमों ने आवेदन किया था उनमें से भी किसी का चयन नहीं किया गया। यहां तक की किसी मुस्लिम आवेदक को इंटरव्यू के लिए भी नहीं बुलाया गया। बाद में मंत्रालय ने कुल 26 हिंदू शिक्षकों का चयन किया।
खास बात ये है कि मंत्रालय ने अपने जवाब में लिखा कि, सरकार की नीति के अनुसार किसी मुस्लिम आवेदक को इसके लिए चयनित नहीं किया जा सकता। हालांकि मंत्रालय के इस जवाब पर विवाद खड़ा हो गया है। इसी जवाब को लेकर जहां मंत्रालय पर निशाना साधा जा रहा है वहीं आयुष मंत्रालय ने ऐसे किसी जवाब से इंकार किया है।