आज है वटसावित्री व्रत, जानिए कुछ खास बातें


इस दिन वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और शिव के अलावा सावित्री और यमराज का वास होता है। इस दिन वट की पूजा करने से जीवन पर आने वाले संकट दूर होते हैं और स्थायी धन एवं सुख शांति की प्राप्त होती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसर पीपल की पूजा से शनि का प्रकोप दूर होता है। पीपल के समान ही वट वृक्ष का भी धार्मिक महत्व है। इसलिए वट सावित्री के दिन वट वृक्ष की भी पूजा कर सकते हैं। इसलिए इस वर्ष शनि देव की कृपा पाने के लिए चाहें तो वट वृक्ष की जड़ों को दूध और जल से सींचें इससे त्रिदेव प्रसन्न होंगे और शनि का प्रकोप कम होगा। तथा धन और मोक्ष की चाहत पूरी होगी।
वट वृक्ष की पूजा इसदिन आमतौर पर केवल महिलाएं करती हैं जबकि पुरूषों को भी इस दिन वट वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। इसकी पूजा से वंश की वृद्धि होती है। शास्त्रों में वट वृक्ष को पीपल के समान ही महत्व दिया गया है। पुराणों में यह स्पष्ट लिखा है कि वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा जी, तने में विष्णु और डालियों एवं पत्तों में शिव का वास है। इसके नीचे बैठकर पूजन, व्रत कथा कहने और सुनने से मनोकामना पूरी होती है। प्रलय काल में भगवान श्री कृष्ण ने वट वृक्ष के पत्तों पर मार्कण्डेय ऋषि को दर्शन दिए थे।