अमेरिकी सांसदों ने बताया, पाकिस्तान में हिंदुओं का हाल कितना ख़राब

pak-hindu (1)नई दिल्ली (5 अक्टूबर) :पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदुओं की दुर्दशा का मुद्दा कई प्रभावशाली अमेरिकी सांसदों ने उठाया है। अल्पसंख्यक हिंदुओं के मानवाधिकार की बद से बदतर होती जा रही स्थिति पर इन सांसदों ने चिंता जताई है।

अमेरिकी संसद में सिंध में मानवाधिकार पर ब्रीफिंग के दौरान सांसद लोरेटा सांचेज ने कहा कि सिंध के हिंदू समुदाय को हमेशा इस बात की आशंका रहती है कि उनके परिवार की औरतों को जबरन इस्लाम में धर्मांतरित कर दिया जाएगा।

प्रतिनिधि सभा के सिंध कॉकस की सह-अध्यक्ष लोरेटा ने कहा कि भयावह मानवाधिकार उल्लंघनों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और असंतुष्टों के लापता होने और हत्या किए जाने, हिंदू महिलाओं के जबरन धर्मांतरण और अग्र धार्मिक हिंसा जैसे अन्य अपराध के बढऩे से सिंध अब मानवीय संकट में है।

लोरेटा के मुताबिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं या असंतुष्टों को खास तौर पर निशाना बनाया जाता है। इस्लामी कट्टरपंथ सिंध में बढता जा रहा है। मदरसा नेटवर्क लगातार सिंधी आबादी के खिलाफ काम कर रहे हैं।

सांसद ब्रैड शरमान ने कहा कि अमरीका की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान से ज्यादा अहम कोई दूसरा देश नहीं है और पाकिस्तान के सिंधी भाषी समुदाय से ज्यादा कोई सहिष्णु समुदाय नहीं है। सांसद एडम शिफ ने भी इस ब्रीफिंग में हिस्सा लिया। एमनेस्टी इंटरनेशनल के अमरीकी निदेशक टी कुमार ने कहा कि सिंध में पिछले 5 साल से लापता होने का सिलसिला चल रहा है लेकिन कोई इस पर ध्यान नहीं दे रहा है।

अमेरिकी सांसदों को संबोधित करते हुए न्यूयॉर्क के पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता हसन मुज़्तबा ने कहा कि कुकुरमुत्तों की तरह फैलता जा रहा मदरसों का नेटवर्क चरमपंथियों को खाद पानी देने का काम कर रहा है। हाफिज सईद और उसके संगठन जमात-उल-दावा को सिंध प्रांत में, खासकर भारत से लगे थार रेगिस्तान के इलाकों और ठट्टा के तटीय इलाकों में अपनी सरगर्मियां चलाने की खुली छूट दे दी गई है।

 
 
 

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