अमेरिकी दिग्‍गजाें को भारत में निवेश का आमंत्रण

arun-1-300x186ई दिल्ली। द्विपक्षीय व्यापार को पांच गुना बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने यहां इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित 11वें आर्थिक शिखर सम्मेलन में कहा, “हमारी महत्वाकांक्षाएं आज काफी ऊंची है। हम मौजूदा कारोबारी साल में द्विपक्षीय व्यापार पांच गुना बढ़ाना चाह रहे हैं।”

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500 अरब डॉलर का बाजार
अभी दोनों देशों के बीच 100 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हो रहा है। उन्होंने कहा, “भारत और अमेरिका दोनों स्वाभावित मित्र हैं। दोनों लोकतांत्रिक देश हैं। अमेरिका में धन और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी है, जबकि भारत में दक्ष श्रमिक, प्राकृतिक संसाधन और विशाल बाजार है।” उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत और ब्रिटेन में सबसे बड़ा स्रोत है।

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व्‍यापार की सुविधा बढ़ाएंगे
जेटली ने कहा कि देश में सरल कर प्रणाली और व्यापार की सुविधा बढ़ाने के लिए काम चल रहा है। मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में तेल तथा अन्य कमोडिटी के सस्ता होने का भारत को लाभ मिल रहा है, क्योंकि भारत इसका शुद्ध आयातक है।

मोदी का भी जिक्र
भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा मोदी की आगामी अमेरिका यात्रा और खास तौर से सैन फ्रांसिस्को तथा सिलिकॉन वैली की यात्रा ने अत्यधिक उत्साह पैदा किया है, क्योंकि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद कैलीफोर्निया जाने वाले वह दूसरे प्रधानमंत्री हैं।

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भारत ने अमेरिका में दी नौकरियां
राजदूत ने कहा कि अमेरिका ने भारत के साथ करीब 10 अरब डॉलर का रक्षा सौदा किया है। वर्मा ने कहा, “हमारे रक्षा सौदे से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की क्षवि सुरक्षा प्रदाता की बन रही है।” उन्होंने कहा कि रक्षा प्रौद्योगिकी का मिलकर विकास करने और मिलकर उत्पादन करने के समझौते से सुरक्षा साझेदारी एक कदम और आगे बढ़ी है। वर्मा ने यह भी कहा कि भारत की कंपनियों ने अमेरिका में 91 हजार नौकरियां दी हैं और 15 अरब डॉलर निवेश किया है।

 

 

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