

सीमा सिंह ने बताया कि दोपहर करीब साढ़े तीन बजे वह अपने मोबाइल फोन पर किसी का नंबर ढूंढ रही थीं तभी सारा का नंबर सामने आ गया। मोबाइल फोन की स्क्रीन पर बेटी की फोटो देखकर उन्होंने नंबर डायल कर दिया तो घंटी बजने लगी। सीमा चौंक पड़ीं।
उन्होंने तीन बार लगातार नंबर मिलाया। पूरी घंटी बजी, लेकिन फोन नहीं उठा। इसके बाद फोन स्विच ऑफ हो गया। बकौल सीमा सिंह, इससे पहले उन्होंने कई बार सारा का नंबर मिलाया, लेकिन वह स्विच ऑफ बताता था।
सोमवार को अचानक नंबर डायल करने पर वह चालू मिला। बेटी का मोबाइल फोन बंद होते ही उन्होंने फीरोजाबाद में विवेचक अतर सिंह से संपर्क कर मोबाइल फोन के बारे में पूछताछ की। विवेचक ने कहा कि सारा के जिस नंबर पर घंटी बज रही थी, वह अमनमणि त्रिपाठी के बाबा श्याम नारायण त्रिपाठी के पास है।
विवेचक ने अमनमणि के बाबा श्याम नारायण त्रिपाठी से मोबाइल फोन मांगा और उन्होंने बाद में देने की बात कहकर टरका दिया। इससे विवेचक की बेचारगी झलक रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस अगर इसी तरह विवेचना करेगी तो इंसाफ सोचना भी बेमानी है।
उन्होंने कहा कि सीबीआई को जल्द सारा के दोनों मोबाइल फोन अपने कब्जे में लेकर उनकी गंभीरता से जांच करानी चाहिए।
सीमा सिंह का कहना है कि अमनमणि के बाबा श्याम नारायण त्रिपाठी को कई साल पहले हत्या के एक मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, तत्कालीन राष्ट्रपति ने उन्हें माफी दे दी थी।
इसके बाद श्याम नारायण को बसपा सरकार ने मंत्री पद दे दिया था। उन्होंने कहा कि इतने प्रभावशाली लोगों की वजह से ही पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।