अपना नाम बदलकर देखिये कैसे चमकता है आपका भाग्य

 दैनिक जीवन में कर्मों के उतार-चढ़ाव में ऐसा समय भी आता है, जब भाग्य अपनी चरम सीमा पर होने के कारण व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाता है। क्या यह प्रश्न आपके मन में बार-बार आता है कि क्या कोई ऐसा उपाय है जिससे जान लिया जाए कि कब वह क्षण आएगा जब व्यक्ति का भाग्य उसका साथ देगा। पुराने जमाने में लोग अपने नाम के बजाए अपने काम पर अधिक ध्यान देते थे, पर इस मॉडर्न युग में लोगों की बदलती हुई मेंटालिटी के कारण अपने नाम का महत्व काम की अपेक्षा बहुत ज्यादा हो गया है अतः लोग अपने नामों में बदलाव करने लगे हैं। नाम में बदलाव सर्वाधिक रूप से महिलाएं विवाह के बाद करती ही हैं। सामान्यतः लेडीज का शादी के बाद उपनाम ही बदलता है। परंतु कुछ सम्प्रदायों में विवाह उपरांत कन्या का नाम बदलने की परंपरा है। लोग इसलिए भी नाम बदलते हैं क्योंकि उनके नाम में पिता का नाम या कुलनाम नहीं जुड़ा होता। लोग शुरू में इस बात पर ध्यान नहीं देते, परंतु आवश्यकता अनुसार नाम में बदलाव करते हैं।अपना नाम बदलकर देखिये कैसे चमकता है आपका भाग्य

कई बार लोग अंकशास्त्री की सलाह पर भाग्य की दृष्टि से भी अपने नाम में परिवर्तन करते हैं। अंकज्योतिष में नाम बहुत महत्वपूर्ण होता है। नाम वह होता है जिसे सुनकर व्यक्ति या जानवर जाग जाए या मुड़कर देखने लगे। व्यक्ति का नाम बार-बार बोला जाता है, अतः उसका बहुत प्रभाव पड़ता है। ज्योतिषशास्त्र में नाम के केवल प्रथम अक्षर का महत्व होता है, परंतु अंकशास्त्र में पूरे नाम की वर्तनी का विशेष महत्व है। लोग अपने मूलांक व भाग्यांक को ध्यान में रखते हुए नाम रखने का प्रयास करते हैं। यदि किसी का नाम इनके अनुरूप न हो तो वह अपना नाम बदलने की सोचता है। ज्योतिषीय कारणों से लोग अपने पुराने नाम में की वर्तनी में बदलाव करते हैं। अधिकतर जीवन के मूलांक और भाग्यांक वाले माह, तारीख तथा सन लाभकारी रहते हैं। यदि राशि के हिसाब से भी योगकारी ग्रह का अंक, मूलांक या भाग्यांक से मेल खाता है तो वह अंक बहुत लाभकारी रहेगा। यदि व्यक्ति के नाम का अंक भी भाग्यांक या मूलांक से मिल जाए तो जीवन में बहुत उन्नति होती है।

अंकशास्त्र के अनुसार व्यक्ति कर्म तो करता है परंतु उसका भाग्य नहीं बदल पाता। मूलांक व भाग्यांक तो अपरिवर्तनशील हैं परंतु सही ढंग से नामांक, मूलांक व भाग्यांक का मेल हो जाए तो व्यक्ति के लिए सफलता के द्वार खुल सकते हैं। जन्मकुंडली में ग्रह-नक्षत्र मनुष्य का भाग्य दर्शाते हैं जो उसके पूर्व जन्मों के कर्मों के अनुसार बनता है। जन्म राशि, जन्म लग्न एवं अंकज्योतिष का मूलाधार मूलांक व भाग्यांक तो जन्म की तारीख से बनते हैं जिसको बदला नहीं जा सकता। लेकिन नाम में परिवर्तन करके आप अपने जीवन की रूपरेखा में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन अवश्य ला सकते हैं। अपना मूलांक व भाग्यांक जानने की सरल विधि यह है कि जन्म तारीख का योग करें वह आपका मूलांक व जन्म तारीख, माह तथा सन् के अंक का योग भाग्यांक कहलाता है। जैसे 3, 12, 21, 30 जन्म तारीख वाले का मूलांक 3 होगा और 18-01-1926 जन्म तारीख वाले का भाग्यांक 1 होगा। इसमे जन्म तारीख माह व सन् का योग करने से 28 अंक आया। इस का योग मूलांक 1 होगा।

अधिकतर जीवन में जूझते गए लोगों में प्रायः तीनों अंकों में तालमेल नहीं होता है। यदि मूलांक, भाग्यांक व नामांक में तालमेल न हो तो हम नामांक बदल सकते हैं, क्योंकि जन्मांक व भाग्यांक तो जन्म लेते ही निश्चित हो जाते हैं। केवल नाम ही है, जिसे बदला जा सकता है। यदि आवश्यक हो तो अपना नाम बदलें व उसका लाभ उठाएं। अंकज्योतिष अंकों का गणित नहीं, बल्कि अंकों का विज्ञान है। अंक ज्योतिष का आधार वास्तव में नौ ग्रह ही हैं। अंग्रेजी के प्रत्येक अक्षर का तथा प्रत्येक ग्रह का भी एक अंक निर्धारित किया गया है। प्य्थोगोरियन तकनीक अनुसार A=1, B=2, C=3, D=4, E=5, F=6, G=7, H=8, I=9, J=1, K=2, L=3, M=4, N=5, O=6, P=7, Q=8, R=9, S=1, T=2, U=3, V=4, W=5, X=6, Y=7, Z=8 । इसी तरह हर अंक पर अलग गृह का आधिपत्य होता है। जैसे की 1=सूर्य, 2=चंद्र, 3=बृहस्पति, 4=राहू, 5=बुध, 6=शुक्र, 7=केतू, 8=शनि, 9=मंगल। यदि मूलांक या भाग्यांक के अनुसार नामांक भी हो तो जीवन में उन्नति की संभावना अधिक रहती हैं

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