सोने के सिक्कों की तरह मिलेंगे गोल्ड बॉन्ड, पोस्ट ऑफिस-बैंक से होगी खरीदारी

gold_3_1442590146नई दिल्ली। अब आप सोने के सिक्कों की तरह गोल्ड बॉन्ड भी खरीद सकेंगे। ये बॉन्ड सिक्कों जैसे ही 2 ग्राम, 5 ग्राम, 10 ग्राम, 20 ग्राम के “वेट” में मिलेंगे। साथ ही जैसे आप सोने के सिक्के बैंक, पोस्ट ऑफिस से खरीदते हैं, वैसे ही गोल्ड बॉन्ड को भी खरीद सकेंगे। सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत यह सुविधा देने जा रही है। इसके लिए वित्त मंत्रालय ने स्कीम का पूरा फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है, जिसे दीवाली तक लॉन्च करने की तैयारी है।
 
क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम
 
गोल्ड बॉन्ड स्कीम को हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूर किया है। इसके जरिए सरकार की कोशिश है कि लोग ज्वैलरी, सिक्कों, गोल्ड बार के रुप में इन्वेस्टमेंट करने की जगह गोल्ड बॉन्ड में इन्वेस्ट करें। इसके लिए वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए फ्रेमवर्क के अनुसार स्कीम के जरिए सरकार हर साल 300 टन सोने के इम्पोर्ट में कमी कर सकती है। ऐसा कर सरकार अपने सोने पर बढ़ रहे इम्पोर्ट बिल में कमी ला सकेगी।
 
सिक्कों की तरह वेट के आधार पर मिलेंगे बॉन्ड
 
भारत में सोने के लेकर लोगों के इमोशन को देखते हुए सरकार गोल्ड बॉन्ड को सिक्कों की तरह लाएगी। यानी आप जिस तरह पोस्ट ऑफिस, बैंक जाकर 2 ग्राम, 5 ग्राम, 10 ग्राम, 50 ग्राम, 100 ग्राम का सिक्का लेते हैं, वैसे ही आपको गोल्ड बॉन्ड “वेट” के आधार पर मिलेगा।
 
सोने की कीमत से तय होगा बॉन्ड का रेट

प्राइस गिरने पर पीरियड बढ़ाने का मौका
 
वित्त मंत्रालय ने जो प्रस्ताव दिया है, उसके अनुसार इन्वेस्टर को इंटरेस्ट गोल्ड बॉन्ड की खरादारी के समय सोने के मार्केट रेट के आधार पर मिलेगा। साथ ही अगर बॉन्ड की मैच्योरिटी के समय गोल्ड की कीमत खरीदे गए रेट से कम होगी, तो इन्वेस्टर पीरियड को तीन साल के लिए बढ़ा सकेगा।
 
कहां मिलेंगे गोल्ड बॉन्ड
 
गोल्ड बॉन्ड बैंक, नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, पोस्ट ऑफिस से खरीदे जा सकेंगे। इसके अलावा नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) की बिक्री करने वाले एजेंट और दूसरे ब्रोकर भी गोल्ड बॉन्ड की बिक्री कर सकेंगे। जिसके बदले में उन्हें कमीशन दिया जाएगा। एक साल में कोई भी व्यक्ति 500 ग्राम से ज्यादा का गोल्ड बॉन्ड नहीं खरीद सकेगा।
 
5-7 साल के लिए कर सकेंगे इन्वेस्टमेंट
 
गोल्ड बॉन्ड के जरिए आप 5-7 साल के लिए इन्वेस्टमेंट कर सकेंगे। जो कि डीमैट और पेपर फार्म दोनों रूप में मिलेगा। साथ ही इन्वेस्टर को फिक्सड रेट और फ्लोटिंग रेट पर इन्वेस्ट करने का भी मौका मिलेगा।
 
वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किए फ्रेमवर्क में प्रस्ताव किया गया है बॉन्ड खरीदने के लिए सोने के रेट को रेफरेंस के रुप में रखा जाएगा। यानी बाजार में जो कीमत सोने की होगी, उसी रेट के आधार पर अलग-अलग “वेट” के गोल्ड बॉन्ड खरीदे जा सकेंगे। इंटरेस्ट रेट को भारत सरकार तय करेगी।

 

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