बेकाबू होता जा रहा जिले में कोरोना का संक्रमण, बीते महीनों की अपेक्षा तेज गति से बढ़ा संक्रमण

गोंडा। कोरोना संक्रमण पहले गांवों में था और शहर सुरक्षित थे। ग्रामीण क्षेत्रों में बहुतायत तो शहरी क्षेत्रों में इक्का दुक्का संक्रमित मिल रहे थे। शहरी लोग  ग्रामीणों खासकर प्रवासियों को कोरोना वायरस लाने के लिए जिम्मेदार बता रहे थे। अब स्थिति उल्टी हो गई है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग शहरी क्षेत्र के लोगों को जिले में खासकर वर्तमान जुलाई माह में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के दोषी बता रहे हैं।

मौके पर जिले में कोरोना का संक्रमण बीते महीनों की अपेक्षा तेज गति से बढ़ रहा है। खासकर वर्तमान जुलाई माह में अन्य महीनों की अपेक्षा अधिक संक्रमित मिल रहे हैं। विगत अप्रैल माह से जून माह तक तीन महीनों में जहां करीब तीन सैकड़ा मरीज मिले थे,वहीं केवल जुलाई माह के 20 दिनों में ही कोरोना संक्रमितों का डेढ़ शतक लग गया है। तीन माह में जहां कोरोना के संक्रमितों का आंकड़ा आज के अपेक्षाकृत काफी कम था,वहीं जुलाई में केवल 20 दिनों में डेढ़ शतक लग गया।

अधिकारिक सूत्रों, बेबसाईट द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्राप्त जांच रिपोर्टों के आधार पर सोमवार शाम तक जिले मे 203 सक्रिय मरीज हैं व 261 मरीज ठीक होकर जा चुके हैं और 12 लोगों की मौत हो चुकी है।इस तरह कुल मिलाकर जिले में कुल संक्रमित मिले लोगों की कुल संख्या 476 हो चुकी है।मौके पर सबसे अधिक प्रभावित गोंडा नगर एंव कर्नलगंज है। जिसमें करीब आधा दर्जन संक्रमित संवेदनशील प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर सील किये जा चुके हैं।

कर्नलगंज में इस माह में अब तक सबसे अधिक संक्रमित लोग मिल चुके हैं। यह आंकड़ा ही बताता है कि जिला मुख्यालय,नगर कर्नलगंज  कोरोना का गढ़ बनता जा रहा है। ऐसा तब है जबकि कर्नलगंज में संक्रमण मई माह से मिलना शुरू हुआ था। वह भी आम नागरिकों जिसमें शहरी और ग्रामीण दोनों शामिल हैं। जिले में संक्रमण का अप्रैल माह से मिलना शुरू हुआ था।

इसमें पहला केस कौड़िया बाजार में मिला था। प्रशासनिक अधिकारियों ने इसे बेहद चिंता का विषय माना है कि शुरुआत में जहां संक्रमण नहीं था वहां भी अब संक्रमित मिल रहे हैं। अब संक्रमण का मिलना लोगों की उदासीनता का द्योतक है। लोगों और जिम्मेदार प्रशासन की ओर से बरती जा लापरवाही को यह प्रमाणित भी करता है। जिले के डीएम और सीएमओ ने लोगों से नियमों और प्रतिबंधों का पालन करने की अपील कर चेताया भी है कि ऐसा न करने पर स्थिति गंभीर हो सकती है। वहीं इसका असर जिम्मेदार लोगों प्रशासन पर पड़ता नहीं दिख रहा है जिससे स्थिति बेकाबू होती जा रही है।

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