आप विधायक राघव चड्ढा के खिलाफ एफआईआर दर्ज, मुख्यमंत्री योगी पर लगाया था ये आरोप

 
लखनऊ। आम आदमी पार्टी (आप)  के विधायक राघव चड्ढा के खिलाफ नोएडा में रविवार को एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर अफवाह फैलाने का आरोप है। विधायक राघव चड्ढा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ टिप्पणी की थी। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत पटेल ने नोएडा के सेक्टर 20 थाने में आप विधायक राघव चड्ढा के खिलाफ यह एफआईआर दर्ज करवाई।
दिल्ली के राजेंद्र नगर से आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने शनिवार को ट्वीट किया कि सूत्रों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ जी दिल्ली से उत्तर प्रदेश वाले लोगों को दौड़ा-दौड़ा के पिटवा रहे हैं। योगी जी बोल रहे हैं कि तुम क्यों दिल्ली गए थे। अब तुम लोगों को कभी दिल्ली जाने नहीं दिया जाएगा। मेरी यूपी सरकार से अपील है ऐसा न करें, इस मुश्किल की घड़ी में लोगों की समस्याओं को बढ़ाइए मत।
हालांकि बाद में जमकर आलोचनाओं के बाद राघव चड्ढा ने ट्वीट को डिलीट कर दिया था, लेकिन फिर भी लोगों की नाराजगी कम नहीं हुई। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत पटेल की तहरीर पर राघव चड्ढा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। विधायक के खिलाफ, शत्रुता, घृणा और दुर्भावना पैदा करने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बदनाम करने के लिए नोएडा के सेक्टर 20 थाना में 500, 505 (2) आइपीसी और धारा 66 आईटी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाकार मृत्युजंय कुमार ने राघव पर निशाना साधते हुए कहा कि ट्वीट डिलीट करने का कोई फायदा नहीं है। तुम्हारी पार्टी की इस नीच हरकत का जवाब उत्तर प्रदेश पुलिस दे रही है। यह उन लोगों के लिए एक सबक बनेगा जो योगी सरकार के खिलाफ झूठ बोलकर निकल जाते हैं।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने भी इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी पर सियासत करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से पूरी रात जाग कर दिल्ली-उत्तर प्रदेश बार्डर पर मौजूद लोगों के लिए बसों की व्यवस्था की।
अधिकारियों को निर्देश देकर लोगों के वापस लौटने की व्यवस्था सुनिश्चित की, जगह-जगह भोजन मुहैया कराया गया। वह दूसरों के लिए सबक है। इस वैश्विक आपदा के समय में भी राघव चड्ढा जैसे लोग सियासत से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे लोगों को आम जनता की तकलीफ से कोई वास्ता नहीं है। ये सिर्फ सियासी रोटियां सेंकते हैं। झूठ फैलाने वालों के खिलाफ कानून अपना काम कर रहा है।

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