हुडा सेक्टरों में नया बिल्डिंग कोड हुआ लागू 80 हजार से अधिक प्लॉटधारकों को फायदा
गुड़गांव.हुडा ने एक जुलाई से सेक्टरों में नया बिल्डिंग कोड-2017 को लागू कर दिया है। अर्बन लोकल बॉडीज डिपार्टमेंट (यूएलबी) की ओर से बनाए नए बिल्डिंग कोड के तहत लोग अपने प्लॉट पर बेसमेंट व स्टिल्ट पार्किंग के साथ चार-मंजिला तक बिल्डिंग बना सकेंगे। पहले तीन मंजिला तक बिल्डिंग बनाने का प्रावधान था। नए बिल्डिंग कोड के तहत फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) में बढ़ाया गया है। अगर कोई अपने प्लॉट में वॉटर रिसाइकिल प्लांट, गारबेज रिसाइकिल प्लांट या फिर सोलर प्लांट लगाते हैं, तो एफएआर में और छूट मिलेगी। क्योंकि प्लॉट किसी भी विभाग से खरीदें, लेकिन उस पर निर्माण के लिए शर्तें एक सामान होंगी। अभी तक सभी विभागों में निर्माण के नियम अलग-अलग थे। जिससे कई तरह की दिक्कतें आती थीं। सरकार ने जनता से फीडबैक मांगे थे। इसके बाद बिल्डिंग कोड-2017 लागू किया गया।
अब मकान की ऊंचाई 15.5 मीटर की होगी
सरकार द्वारा बनाए गए बिल्डिंग कोड-2017 में रिहायशी क्षेत्र में मकान की ऊंचाई 12.5 मीटर की गई थी। जिसके बाद लोगों की आपत्तियों पर सरकार ने इसे बढ़ाकर 15.5 मीटर कर दिया है। इसके अलावा कुछ और मुद्दों पर लोगों की राय के आधार पर उसके अनुसार बदलाव किया गया है। जिससे गुड़गांव के सेक्टरों में 76 से 500 स्क्वेयर मीटर एरिया में मकान बनाने वाले करीब 80 हजार से अधिक प्लॉटधारकों को फायदा मिलेगा।
सरकार द्वारा बनाए गए बिल्डिंग कोड-2017 में रिहायशी क्षेत्र में मकान की ऊंचाई 12.5 मीटर की गई थी। जिसके बाद लोगों की आपत्तियों पर सरकार ने इसे बढ़ाकर 15.5 मीटर कर दिया है। इसके अलावा कुछ और मुद्दों पर लोगों की राय के आधार पर उसके अनुसार बदलाव किया गया है। जिससे गुड़गांव के सेक्टरों में 76 से 500 स्क्वेयर मीटर एरिया में मकान बनाने वाले करीब 80 हजार से अधिक प्लॉटधारकों को फायदा मिलेगा।
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इस बिल में पार्किंग, फ्रंट वॉल का प्रावधान खत्म
आमतौर पर सभी सेक्टरों में देखा जाता है कि लोग घर तो बना लेते हैं, लेकिन गाड़ियां सड़कों पर ही खड़ी करते हैं। बिल्डिंग कोड-2017 में सड़कों पर गाड़ियां पार्क करने की समस्या को खत्म करने के लिए दो बदलाव किए गए हैं। एक तो स्टिल्ट पार्किंग के निर्माण के लिए ग्राउंड फ्लोर पर प्रावधान कर दिया गया है। दूसरी ओर फ्रंट वॉल बनाने का प्रावधान भी खत्म कर दिया गया है, ताकि लोग सीधी अपनी गाड़ियां स्टिल्ट पार्किंग में ले जा सके। ऐसे प्लॉट जहां पर स्टिल्ट पार्किंग नहीं बनी हो वहां फ्रंट वॉल की जगह लाेग अपनी गाड़ियां पार्क कर सकें, इसका प्रावधान किया गया है।
नियम में फायर फाइटिंग व टुल्लू पंप का प्रावधान
नए बिल्डिंग कोड में रिहायशी क्षेत्र के लिए सबसे अहम बात यह है कि आप मकान के बेसमेंट में भी निर्माण कर सकेंगे। इसके लिए संबंधित विभाग से अनुमति लेनी होगी, ताकि आप उसे रिहायशी क्षेत्र की तरह विकसित कर सकें। नियम के मुताबिक बेसमेंट के लिए एफएआर प्लॉट के आकार के मुताबिक 70 से 80 फीसदी होगा। साथ ही बेसमेंट को डेवलप करने के साथ उसमें वेंटिलेशन, फायर फाइटिंग व टुल्लू पंप की सुविधा किए जाने का प्रावधान किया गया है।
नए बिल्डिंग कोड में रिहायशी क्षेत्र के लिए सबसे अहम बात यह है कि आप मकान के बेसमेंट में भी निर्माण कर सकेंगे। इसके लिए संबंधित विभाग से अनुमति लेनी होगी, ताकि आप उसे रिहायशी क्षेत्र की तरह विकसित कर सकें। नियम के मुताबिक बेसमेंट के लिए एफएआर प्लॉट के आकार के मुताबिक 70 से 80 फीसदी होगा। साथ ही बेसमेंट को डेवलप करने के साथ उसमें वेंटिलेशन, फायर फाइटिंग व टुल्लू पंप की सुविधा किए जाने का प्रावधान किया गया है।
एफएआर में 54 फीट की छूट
हुडा प्रशासक यशपाल यादव ने कहा कि सरकार ने रेजिडेंशियल, इंडस्ट्रियल, कॉमर्शियल, ग्रुप हाउसिंग के लिए नए बिल्डिंग कोड के तहत एफएआर में राहत दिए जाने का निर्णय लिया है। इसके तहत बिल्डिंग में वॉटर रिसाइकलिंग प्लांट, सोलर पावर प्लांट, गारबेज प्लांट लगाना होगा। इन चीजों के आधार पर नए बिल्डिंग कोड के तहत उक्त प्लॉट अलॉटी को एफएआर में 54 फीट की छूट दी जाएगी।
हुडा प्रशासक यशपाल यादव ने कहा कि सरकार ने रेजिडेंशियल, इंडस्ट्रियल, कॉमर्शियल, ग्रुप हाउसिंग के लिए नए बिल्डिंग कोड के तहत एफएआर में राहत दिए जाने का निर्णय लिया है। इसके तहत बिल्डिंग में वॉटर रिसाइकलिंग प्लांट, सोलर पावर प्लांट, गारबेज प्लांट लगाना होगा। इन चीजों के आधार पर नए बिल्डिंग कोड के तहत उक्त प्लॉट अलॉटी को एफएआर में 54 फीट की छूट दी जाएगी।
ये हैं नए बिल्डिंग कोड-2017 के मुख्य बिंदु
– मकान के आगे बाउंड्री वाल लगाना अब जरूरी नहीं होगा
– ग्राउंड कवरेज 66 प्रतिशत से बढ़ाकर 85 प्रतिशत और फ्लोर एरिया रेशो भी 165 प्रतिशत से बढ़ाकर 220 प्रतिशत कर दी गई है।
– डीटीपी को नए बिल्डिंग कोड को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
– अब मकान के आगे बाउंड्री वॉल बनाना भी जरूरी नहीं रहा है।
– बिल्डिंग के फ्रंट में 0.5 मीटर और पीछे 0.5 मीटर जगह छोड़ना तय किया गया है और आगे वाली जगह कुछ कम ज्यादा भी कर सकते हैं।
– कॉमर्शियल बिल्डिंग के लिए 50 वर्ग मीटर क्षेत्र में 100 प्रतिशत कवरेज और 200 प्रतिशत फ्लोर एरिया रेशो तय किया गया है।
– 150 से 225 वर्ग मीटर क्षेत्र के लिए 75 प्रतिशत ग्राउंड कवर एरिया और 200 प्रतिशत फ्लोर एरिया रेशो तय किया है।
– ग्राउंड कवरेज 66 प्रतिशत से बढ़ाकर 85 प्रतिशत और फ्लोर एरिया रेशो भी 165 प्रतिशत से बढ़ाकर 220 प्रतिशत कर दी गई है।
– डीटीपी को नए बिल्डिंग कोड को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
– अब मकान के आगे बाउंड्री वॉल बनाना भी जरूरी नहीं रहा है।
– बिल्डिंग के फ्रंट में 0.5 मीटर और पीछे 0.5 मीटर जगह छोड़ना तय किया गया है और आगे वाली जगह कुछ कम ज्यादा भी कर सकते हैं।
– कॉमर्शियल बिल्डिंग के लिए 50 वर्ग मीटर क्षेत्र में 100 प्रतिशत कवरेज और 200 प्रतिशत फ्लोर एरिया रेशो तय किया गया है।
– 150 से 225 वर्ग मीटर क्षेत्र के लिए 75 प्रतिशत ग्राउंड कवर एरिया और 200 प्रतिशत फ्लोर एरिया रेशो तय किया है।
एफएआर बढ़वाने के लिए यहां करें संपर्क
हुडा सेक्टर के वासियों को एफएआर बढ़वाने के लिए हुडा कार्यालय में संपर्क करना होगा, जबकि लाइसेंसशुदा कालोनियों में रहने वालों को डीटीपी कार्यालय से। नगर निगम परिषद में नए भवन बनाने वालों के नक्शे भी इसी आधार पर पास होंगे।