हिंसा में नुकसान हुए संपत्ति की भरपाई की प्रक्रिया शुरू, ऐसे वसूल रही योगी सरकार

नागरिकता संशोधन कानून के हिंसक विरोध के दौरान सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले 110 आरोपियों को चिह्नित कर पुलिस व प्रशासन ने नोटिस भेजा है। एडीएम प्रोटोकाल वीबी मिश्रा ने बताया कि पुलिस जांच के आधार पर तोड़फोड़ व संपत्तियों को क्षति पहुंचाने के आरोप में चिह्नित आयोजक राजनीतिक दल, संगठन व व्यक्तिगत आधार पर जारी नोटिस में तीन दिन में लिखित पक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है।

इसके आधार पर ही प्रशासन नुकसान की भरपाई करने की वैधानिक प्रक्रिया शुरू करेगा। तब तक डीएम के निर्देश पर नामित चारों एडीएम के स्तर से कुल नुकसान का मूल्यांकन भी पूरा हो जाएगा। इसके बाद चिह्नित आरोपियों से रिकवरी की जाएगी।

नागरिकता कानून के विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों ने बीते बृहस्पतिवार को हसनगंज, पुराने लखनऊ के अकबरी गेट, ठाकुरगंज, परिवर्तन चौक व केडी बाबू स्टेडियम के पास बड़ी संख्या में सार्वजनिक व निजी वाहनों सहित अन्य संपत्ति को तोड़ फोड़ के बाद आग के हवाले कर दिया था।

28 दिसंबर तक मूल्यांकन रिपोर्ट सौंपने का दिया था निर्देश

सीएम के निर्देश के बाद डीएम अभिषेक प्रकाश ने अपर जिलाधिकारी को 28 दिसंबर तक तैयार नुकसान की मूल्यांकन रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। 28 दिसंबर तक संबंधित सरकारी विभाग अथवा निजी संपत्ति के स्वामी को क्षति का प्रत्यावेदन व नुकसान का दावा गठित एकल कमेटी को देना है।

आंकलन के बाद तीस दिन में सक्षम प्राधिकारी क्षति के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ रिकवरी आदेश अथवा नोटिस की सुनवाई पूरी करेगा। सभी एसएचओ, सीओ व एएसपी को भी सात दिनों में ही उपद्रव के लिए जिम्मेदार धरना-प्रदर्शन के आयोजन से जुड़ी राजनीतिक पार्टी अथवा अन्य पहचाने जा सकने वाले समूह व्यक्ति को चिह्नित करने की जिम्मेदारी दी गई थी।

इसी आधार पर हसनगंज, ठाकुरगंज, चौक, हजरतगंज व कैसरबाग थानाक्षेत्र में चिह्नित 110 आरोपियों को नोटिस जारी किया गया है। पुलिस व राजस्व टीम ने अभी तक हुए परीक्षण में ढाई से तीन करोड़ तक के नुकसान की आशंका जताई है। इसकी वास्तविक तस्वीर 28 दिसंबर के बाद ही साफ हो सकेगी।

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