हाईकोर्ट ने पूछा सवाल, लहसुन सब्जी है या मसाला ?

वहीं सरकार ने लहसुन को सब्जी व मसाले दोनों के तौर पर टैक्स लिस्ट में सम्मलित कर रखा है. दरअसल जोधपुर के एक व्यापारी संघ ने इस मामले में याचिका लगाई है. जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट सरकार के पक्ष से नाराज दिखा. न्यायधीश संगीतराज लोढा ओर विनीत माथुर की खण्डपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. वहीं अतिरिक्त महाधिवक्ता श्याम सुंदर ने जवाब के लिए हाईकोर्ट से एक दिन का समय मांगा है.
बता दे कि जोधपुर के आलू प्याज लहसुन विक्रेता संघ ने इस बारे में एक जनहित याचिका हाई कोर्ट में दायर की थी. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सरकार ने लहसुन को सब्जी और मसाला दोनों श्रेणी में रखा हुआ है. लेकिन सब्जी के रूप में लहसुन के बिकने पर जीएसटी नहीं लगता और मसाले के रूप में बेचा जाए तो जीएसटी लगता है.
उन्होंने कहा कि अगर अनाज मार्केट में लहसुन बेचा जा रहा है तो भी उसमें कोई टैक्स नहीं लगता.इसके विपरीत उन्हें अनाज मार्केट में सिर्फ 2 फीसदी कमीशन बिचौलिये को देना पड़ता है. जबकि सब्जी मार्केट में बिचौलियों का कमीशन 6 फीसदी है. इस पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि सरकार स्पष्ट करे कि टैक्स के लिहाज से लहसुन सब्जी है या मसाला. सरकार की ओर से इस मामले में जवाब पेश किया जाना था, लेकिन कोर्ट में कोई कार्यक्रम होने के कारण इसकी सुनवाई आज नहीं हो पाई.