हरियाणा में फायर NOC सिस्टम में बड़ा बदलाव

हरियाणा सरकार ने फायर NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) से जुड़ी प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद लिया गया है। दरअसल, राज्य के कई उद्योगपतियों और नागरिकों ने फायर NOC जारी करने में देरी और मनमानी की शिकायतें प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) तक पहुंचाई थीं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए PMO ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के तहत फायर NOC प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी लाने के निर्देश दिए।

सरकार ने नए नियमों के तहत फायर NOC जारी करने की प्रक्रिया में थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन सिस्टम लागू किया है। इसका मतलब यह है कि अब केवल सरकारी विभाग ही नहीं, बल्कि मान्यता प्राप्त निजी एजेंसियां भी इमारतों और उद्योगों का अग्नि सुरक्षा निरीक्षण कर सकेंगी। इससे जांच प्रक्रिया तेज होगी और उद्योगों को NOC मिलने में अनावश्यक देरी नहीं होगी। हालांकि, सरकार ने थर्ड पार्टी एजेंसियों के लिए सख्त नियम बनाए हैं। यदि कोई एजेंसी गलत रिपोर्ट देती है या नियमों की अनदेखी करती है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

दिल्ली से सटे हरियाणा के जिलों जैसे गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पलवल और मानेसर में बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां हैं। यहां इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (IMT) भी विकसित की जा रही हैं। उद्योगपतियों का कहना था कि फायर NOC की प्रक्रिया लंबी, जटिल और भ्रष्टाचार से ग्रसित थी। इस कारण नए प्रोजेक्ट में देरी होती थी और निवेशक परेशान होते थे। अब नए नियमों के लागू होने से यह समस्या काफी हद तक खत्म होने की उम्मीद है। NOC प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और उद्यमियों का समय तथा पैसा दोनों बचेंगे।

‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा
PMO ने स्पष्ट किया कि फायर NOC जैसी अनिवार्य प्रक्रियाओं को उद्योगों के लिए बाधा नहीं, बल्कि सुविधा बनाना होगा। इस दिशा में हरियाणा सरकार का यह कदम ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ इंडेक्स को बेहतर करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए NOC आवेदन, निरीक्षण रिपोर्ट और अनुमोदन की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इससे प्रक्रिया न केवल तेज बल्कि पारदर्शी भी बनेगी।

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