हरियाणा के ADGP आत्महत्या मामले के बाद आप सरकार सजग

पंजाब सरकार अपने कर्मचारियों की मेंटल हेल्थ का ध्यान रखेगी। इसके साथ-साथ पंजाब पुलिस के जवान और अफसर भी तनाव व अवसाद ग्रस्त होकर काम न करें, इसके लिए भी काउंसलिंग प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे। दरअसल, हरियाणा में आईपीएस अफसर वाई पूरण कुमार आत्महत्या केस के बाद पंजाब सरकार अपने कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सजग दिख रही है।

हालांकि सभी सरकारी कार्यालयों में बढ़ते वर्कलोड और कर्मचारियों की कमी के चलते काम का दबाव रहता है। इसी वजह से तनाव बढ़ता है। इससे अलग भी कई तरह के विवाद (घरेलू व कामकाज से संबंधित) कर्मचारियों और अफसरों को घेरे रखते हैं। कई बार अवसाद की इंतिहा हो जाती है और ऐसे में इसे सहन न करने वाला व्यक्ति आत्महत्या सरीखे अनुचित कदम उठा लेता है। इस तरह के कई मामले सिक्योरिटी फोर्सेस के जवानों और अफसरों के साथ भी देखे गए हैं। इसका ताजा उदाहरण हरियाणा कैडर के एडीजीपी रैंक के आईपीएस अफसर वाई पूरण कुमार का आत्महत्या केस है।

इन्हीं सब बातों के मद्देनजर पंजाब सरकार चाहती है कि सभी कर्मचारी बिना किसी तनाव और अवसाद के काम करें इसलिए समय-समय पर उनकी मेंटल काउंसलिंग बहुत जरूरी है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री भी आईपीएस अफसर सुसाइड केस के प्रति खासे चिंतित हैं।

इन वजहों से आत्महत्या की ओर बढ़ता है इंसान
सलाहकार मनोवैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह बताते हैं कि कई वजह होती हैं जो किसी व्यक्ति को आत्महत्या के लिए सोचने पर विवश कर देती हैं लेकिन यह बेहद अनुचित कदम है। डॉ. सिंह के अनुसार कई तरह के विवाद और अवसाद इस तरह जीवन में हावी हो जाते हैं कि उन्हें लगने लगता है कि भविष्य के प्रति आशा समाप्त हो जाती है। कर्मचारियों को मानसिक रूप से जागरूक व मजबूत करते रहना चाहिए। जब कोई वरिष्ठ अधिकारी आत्महत्या करता है तो यह केवल एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं होता, बल्कि उसके जीवन की गहराई में छिपे संघर्षों की कहानी होती है। वह लंबे समय से मानसिक दबाव में हो सकता है। उसे भावनात्मक समर्थन की कमी महसूस होने लगती है। आत्मसम्मान को ठेस पहुंचने से वह भीतर से टूट जाता है। निर्णय लेने की क्षमता पर धुंध छाने लगती है और वह खुद को निरर्थक महसूस करने लगता है। ऐसे में उसे जीवन की खुशियां भी अर्थहीन लगने लगती हैं। वह सोचता है कि शायद अब कोई रास्ता नहीं बचा। परिवार या समाज से दूरी बढ़ जाती है और वह अंदरूनी दर्द व्यक्त नहीं कर पाता। इन्हीं क्षणों में नकारात्मक विचार हावी हो जाते हैं और आत्महत्या ही उसे समस्या का समाधान लगने लगती है।

आत्महत्या केस ने झकझोरा
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि आईपीएस वाई पूरण कुमार आत्महत्या मामले ने झकझोर कर रख दिया है। वे बेहद अवसाद में थे। यह घटना बताती है कि मानसिक स्वास्थ्य कितना जरूरी है। हमने इससे संबंधित एक विशेष पॉलिसी लागू की है। पुलिस महकमे समेत अन्य विभाग के कर्मचारियों की भी मेंटल काउंसलिंग पर फोकस और बढ़ाया जाएगा। जवान और अफसर बिना तनाव के काम करें, इसे लेकर बहुत संजीदा हैं।

अफसरों में विवाद होता है पर मैं समझा देता हूं : मान
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने माना कि पंजाब में भी अफसरों के बीच आपसी विवाद चलता रहता है। वे पौने चार साल में पंजाब के मुख्यमंत्री हैं। मेरे अफसरों में भी कई बार थोड़ा-बहुत विवाद हो जाता है। कोई बात नहीं यह मानवीय व्यवहार का ही हिस्सा है। मैं तो उन्हें बैठाकर उनसे बात कर लेता हूं कि क्यों लड़ते हो। उन्हें बताता हूं कि आप लोग यूपीएससी क्लीयर करके लोगों की सेवा करने आए हैं, आपस में विवाद करने नहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button