अपनी हद में रहें चीन और पाकिस्तान, भारत के साथ आया ये बड़ा देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मलयेशिया के प्रधानमंत्री नजीब अब्दुल रजाक के बीच शनिवार को हुई द्विपक्षीय वार्ता में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर सहमति बनी ताकि आतंकवाद और चरमपंथ जैसी समान चुनौतियों से ज्यादा प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। दोनों नेताओं के बीच व्यापक बातचीत में व्यापारिक संबंधों पर भी विस्तृत चर्चा हुई।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मलयेशिया के प्रधानमंत्री नजीब अब्दुल रजाक
चीन की समुंद्र नीति की तरफ अनौपचारिक रूप से इशारा करते हुए मलयेशिया ने शनिवार को संयुक्त रूप से इस बात पर जोर दिया कि सभी देशों को समुद्री विवाद निपटाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की समुद्री कानून संधि का आदर करना चाहिए। गौरतलब है कि साउथ चाइना सी में समुद्री सीमा को लेकर चीन का कई मलयेशिया सहित कई देशों से विवाद चल रहा है।

मलयेशियाई पीएम का समुंद्री नीति पर दिया गया बयान इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि चीन ने संयुक्त राष्ट्र की समुद्री कानून संधि के तहत बनाए गए एक अंतरराष्ट्रीय ट्राइब्यूनल के आदेश के प्रति का सम्मान नहीं किया जबकि संयुक्त राष्ट्र ने साउथ चाइना सी पर चीन के दावे को खारिज करने से संबंधित इस संधि को बनाया था।

वार्ता के बाद नजीब के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘हमारे समाज को सुरक्षित बनाने, और क्षेत्रीय बेहतरी के लिए हम अपनी रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने पर सहमत हुए हैं, ताकि हमारी समान चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी जवाब को आकार दिया जा सके।’

मोदी ने कहा कि दोनों पक्ष आर्थिक समृद्धि की स्वतंत्रता और एशिया-प्रशांत क्षेत्र, विशेष रूप से इसके समुद्रों में स्थिरता को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका तथा जिम्मेदारियों को लेकर सजग हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button