सेना में सहायक सिस्टम बदलने पर विचार, शांत इलाकों में भर्ती होगा सिविलियन स्टाफ
नई दिल्ली. जवानों के खुलकर विरोध जताने और आलोचना के बाद सेना अब ब्रिटिश कालीन सहायक सिस्टम खत्म करने पर विचार कर रही है। शांत इलाकों में सहायक के तौर पर सिविलियन स्टाफ भर्ती करने की योजना बनाई जा रही है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्य सैन्य अड्डों और अहम क्षेत्रों में मौजूदा सहायक व्यवस्था जारी रहेगी। इसका कारण यह है कि सेना में सहायकों की जिम्मेदारियां भी तय हैं।
ऐसे में सहायकों को हटाने से एक खाली स्थान पैदा हो जाएगा, जो सेना के लिए सही नहीं होगा। यह बदलाव सिर्फ शांतिपूर्ण इलाकों के सैन्य स्टेशन में ही करने का विचार है। फील्ड यूनिट्स में यह परिवर्तन मुमकिन और व्यावहारिक नहीं है। सहायक सिस्टम में अधिकारियों को सहायता और बाकी कामों के लिए बतौर सहायक एक जवान मुहैया कराया जाता है।
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सहायक सेना के ही जवान होते हैं और उनकी जिम्मेदारी अधिकारियों की हिफाजत, उनके हथियारों और उपकरणों की देखभाल करना है। पिछले कुछ समय में कई जवानों ने खुलकर इस सहायक व्यवस्था के प्रति नाराजगी जताई है। कई जवानों का आरोप है कि अधिकारी अपने सहायक के साथ नौकर जैसा बर्ताव करते हैं। पिछले दिनों कई ऐसे वीडियो सामने आए, जिनमें सेना के जवान सहायक सिस्टम के प्रति नाराजगी जताते नजर आए।