सूर्य ने किया अपना राशि परिवर्तन, जानिए किसे करेगा कंगाल और कौन होगा मालामाल

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य आत्मा, पिता, पितृ, व सरकारी तंत्र का कारक है। सूर्य हर 30 दिन में अपनी राशि परिवर्तित करता है। सूर्य के इस राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं। सूर्य तुला राशि में नीच के माने जाते हैं। तुला राशि के अधिपति शुक्र से सूर्य की नैसर्गिक शत्रुता है। साल 2018 में तुला संक्रांति शारदीय नवरात्र की महाष्टमी पर पड़ रही है। तुला संक्रांति पुण्य काल मुहूर्त बुधवार तारिख 17.10.18 को दिन 12:06  से शाम 17:45 तक रहेगा। तुला संक्रांति पुण्यकाल की अवधि 5 घंटे 39 मिनट की रहेगी। घटित संक्रांति का समय 27 मिनट का रहेगा। महापुण्य काल शाम 15:52 मिनट से शाम 17:45 मिनट तक रहेगा। महापुण्य काल की अवधि 1 घंटा 53 मिनट रहेगी। सूर्य सिद्धांत कैलेंडर के अनुसार बुधवार तारिख 17.10.18 से शुक्रवार तारिख 06.11.18 तक कार्तिक माह रहेगा। जिसमें पुष्कर जैसे पवित्र जलाशयों में स्नान करना अति शुभ माना गया है। सूर्य सिद्धांत कैलेंडर मानने वाले राज्यों में इस एक माह के दौरान महालक्ष्मी पूजन के लिए लोग ताजे धान चढ़ाते हैं। इस दिन से महालक्ष्मी की विशेष पूजा का सिलसिला शुरू हो जाता है। जिसमें नए चावल अर्पित करके लोग महलक्ष्मी को प्रसन्न करते हैं। सूर्य अपनी नीच राशि तुला में अगले एक महीने तक अर्थात बुधवार तारिख 17.10.18 से शुक्रवार तारिख 06.11.18 गोचर करेंगे। इस लेख के माध्यम से हम अपने पाठकों को बताते हैं नीच का सूर्य आपकी राशि पर क्या असर डालेगा।सूर्य ने किया अपना राशि परिवर्तन, जानिए किसे करेगा कंगाल और कौन होगा मालामाल

मेष: पंचम के स्वामी सूर्य का सातवें भाव में गोचर स्वभाव में अहंकार लाएगा। प्रेम संबंधों में टकराव होगा। पार्टनरशिप में बाधाएं बढ़ेंगी। जीवनसाथी की सेहत बिगड़ेगी। दांपत्य में परेशानियां रहेंगी। भाई-बहन से कटुता रहेगी। पारिवारिक अशांति रहेगी। 
उपाय – गरीब बच्चों में 7 सेब दान करें।

वृष: चतुर्थ के स्वामी सूर्य का छठे भाव में गोचर संपत्ति के विवाद करवाएगा। विरोधी कमजोर होंगे। सेहत में सुधार होगा। स्टूडेंट्स प्रतिस्पर्धा में लक्ष्य प्राप्ति के लिए मेहनत कर प्रतियोगिता में सक्सेस प्राप्त करेंगे। सरकारी नीतियों से लाभ मिलेगा।
उपाय – घर की पूर्व दिशा में लाल तेल का षडमुखी दीपक जलाएं।

मिथुन: पराक्रम के स्वामी सूर्य का पंचम में गोचर जीवनसाथी की तलाश पूरी करवाएगा। हेल्थ कमज़ोर पड़ेगी। विवादों से दूर रहें। सोच-समझकर निवेश करें। आर्थिक स्थिति कमज़ोर होगी। संतान पक्ष को दिक्कत आएगी। प्रेम संबंधों में तकरार रहेगी।
उपाय – सूर्य के निमित गौघृत का पंचमुखी दीपक करें।

कर्क: धन के स्वामी सूर्य का चौथे में गोचर पारिवारिक जीवन में लड़ाई-झगड़े लाएगा। माता की सेहत में परेशानियां आएंगी। जीवनसाथी को करियर में तरक्की मिलेगी। दिखावे से दूर रहें। दिखावे के चक्कर में मेंटल टेंशन रहेगा। दूसरों पर हावी रहें। 
उपाय – तांबे के चार सिक्के तिजोरी में रखें।

सिंह: लग्न के स्वामी सूर्य का तीसरे भाव में गोचर भाई-बहनों के लिए परेशानी लाएग। सामाजिक स्तर ऊंचा होगा। हेल्थ में सुधार होगा। पुरानी बीमारी से छुटकारा मिलेगा। सरकारी तंत्र से लाभ मिलेगा। करियर में प्रमोशन व इन्क्रीमेंट के योग हैं।
उपाय – लाल चंदन की माला से “ॐ ह्रीं सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।

कन्या: व्ययेश के स्वामी सूर्य का धन भाव में गोचर नेत्र विकार देगा। वाणी में कड़वाहट रहेगी। गुस्से के कारण परिवारिक विवाद होंगे। परिजनों की सेहत बिगड़ सकती है। विदेश से धन लाभ के योग हैं। ख़र्चों पर नियंत्रण रखें। सुखों में कटौती होगी।
उपाय – तांबे के कलश से सूर्य को अर्घ्य दें।

तुला: लाभ के स्वामी सूर्य का लग्न भाव में गोचर सेहत से संबंधित समस्याएं लाएगा। मानसिक तनाव रहेगा। अत्यधिक क्रोध के कारण लड़ाई-झगड़े होंगे। लक्ष्य प्राप्ति में बाधा आएगी। फ़्रेंड्स के साथ रिश्ते बिगड़ सकते हैं। आर्थिक तंगी के योग हैं।
उपाय – लाल कपड़े में गेहूं भरकर किसी गरीब को दान दें।

वृश्चिक: कर्म के स्वामी सूर्य का बारहवें भाव में गोचर सेहत में गिरावट लाएगा। फीवर, बॉडी पेन, डाइजेशन अपसेट की शिकायत रहेगी। मेंटल टेंशन रहेगा। बढ़ते ख़र्चे से आर्थिक पक्ष कमजोर रहेगा। बुरी हरकतों के कारण छवि धूमिल हो सकती है। 
उपाय – किसी मेहनतकश मजदूर को तांबे का लोटा भेंट करें।

धनु: धर्म के स्वामी सूर्य का लाभ भाव में गोचर जीवन में कई फायदे देगा। धर्म की ओर झुकाव बढ़ेगा। सेहत में सुधार होगा। परिवारिक शुभ कार्य का आयोजन होगा। सीनियर्स व गवर्नमेंट ऑफिसर्स से लाभ मिलेगा। करियर में प्रमोशन मिलेगा। 
उपाय – लाल आसान पर बैठकर गायत्री मंत्र का जाप करें।

मकर: आयु के स्वामी सूर्य का कर्म भाव में गोचर निजी जीवन को उथल-पुथल करेगा। पिता से मतभेद होंगे। उत्तेजना बढ़ने से विपरीत लिंग से अनबन होगी। गवर्नमेंट फील्ड से लाभ होगा। ऑफिस में सम्मान मिलेगा। सीनियर्स का सपोर्ट मिलेगा।
उपाय – तांबे के 10 चौकोर टुकड़े किसी वीरान स्थान में गाड़ दें।

कुंभ: सप्तम के स्वामी सूर्य का धर्म भाव में गोचर जीवनसाथी से मनमुटाव करवाएगा। दांपत्य में गलतफ़हमी बढ़ेगी। समाजिक रूतबे में कमी आएगी। मानसिक बेचैनी रहेगी। संचित धन से असंतुष्टी रहेगी। धन की कमी खलेगी। झूठे आरोप लगेंगे।
उपाय – देवी मंदिर में लाल चुनरी चढ़ाकर जीवनसाथी को भेंट करें।

मीन: रोग के स्वामी सूर्य का आठवें भाव में गोचर विवाद करवाएगा। हेल्थ प्रोब्लेम्स बढ़ेंगी। स्पाइसी व फ्राइड खाने से परहेज करें। हेल्थ पर ध्यान दें व अच्छे डॉक्टर से इलाज करवाएं। लक्ष्य में रूकावटें आएंगी। सामाजिक छवि को नुकसान पहुंचेगा।
उपाय – लाल गाय को भीगा हुआ गेहूं व गुड़ खिलाएं।

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