सुरक्षाबलों के साथ रविवार की सुबह मुठभेड़ में मारे गए आतंकी

सुरक्षाबलों के साथ रविवार की सुबह मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों को उनके साथियों ने सबके सामने उनके शव के पास आकर हवा में गोलियां दाग उन्हें सलामी दी। इस दौरान कश्मीर की आजादी और जिहाद के समर्थन में खूब नारेबाजी हुई।सुरक्षाबलों के साथ रविवार की सुबह मुठभेड़ में मारे गए आतंकी उल्लेखनीय है कि सुबह नागबल-कुलगाम में सुरक्षाबलों ने लश्कर व हिज्ब के चार आतंकियों को मार गिराया था। इस दौरान दो सैन्य कर्मी भी शहीद हो गए। मारे गए आतंकियों में शामिल मुदस्सर अहमद तांत्रे उर्फ आसिम और वहीद ठोकर को रेडवनी बाला में दफनाया गया, जबकि फारूक अहमद और यूनुस लोन को उनके गांव के कब्रिस्तान में दफनाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मारे गए चारों आतंकियों के जनाजों में हजारों की तादाद में लोग शामिल हुए। यह लोग हम क्या चाहते-आजादी, यहां कया चलेगा निजाम-ए-मुस्तफा, गो इंडिया-गो बैक जैसे उत्तेजक नारे लगा रहे थे।

उन्होंने बताया कि रेडबनी वाला में जब मारे गए दो आतंकियों को दफनाया जाने ेलगा तो अचानक भीड़ से आतंकी अपनी एसाल्ट राइफलें लहराते हुए बाहर निकले। उन्होंने अपने दिवंगत साथियों के शव के पास खड़े हो नमाज-ए-जनाजा अदा की। उसके बाद हवा में गोलियां चलाई। इसके बाद वहां से चले गए।

बैठक के लिए जमा हुए थे सात आतंकी

नागबल-कुलगाम में शनिवार रात सात आतंकी एक बैठक के सिलसिले में आए थे। इनमें चार लश्कर और तीन हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी थे। यह कुलगाम में अपनी गतिविधियों में तेजी लाने और निकट भविष्य में होने वाले प्रस्तावित पंचायत चुनावों के खिलाफ अपनी रणनीति तय कर रहे थे। इसी दौरान सुरक्षाबलों की घेराबंदी देख तीन आतंकी भाग निकले, लेकिन चार वहीं पर रह गए। इसके बाद हुई मुठभेड़ में मारे गए। अलबत्ता, पुलिस ने मुठभेड़स्थल से तीन आतंकियों के भाग निकलने के तथ्य पर किसी तरह की प्रतिक्रिया से इन्कार किया है।

मारे गए आतंकियों से मिली लूटी इंसास राइफल

नागबल-कुलगाम में मारे गए आतंकियों के पास से पुलिस ने दो एसाल्ट राइफलें, दो पिस्तौल और एक इंसास राइफल भी बरामद की। पुलिस के अनुसार, मुठभेड़स्थल से मिली इंसास राइफल को पिछले वर्ष हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में ही पुलिस के जवानों से लूटा था।

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