सुप्रीम कोर्ट से मोदी सरकार को मिली राहत, नागरिकता कानून पर नहीं लगेगा स्टे

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जो 50 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई हैं, उनको लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों को लेकर केंद्र से जवाब मांगा है।
वहीं याचिका दायर करने वाले वकीलों की मांग है कि तब तक नागरिकता संशोधन एक्ट पर स्टे लगा दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 22 जनवरी को होगी।
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि एक्ट पर स्टे लगाने के लिए जो दलील दी जा रही है, वह एक्ट को चैलेंज करने के समान है। ऐसे में एक्ट पर किसी तरह का स्टे ना लगाया जाए।
हालांकि, चीफ जस्टिस ने CAA पर स्टे लगाने की मांग को ठुकरा दिया है। चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े ने कहा है कि हम इस पर स्टे नहीं लगा रहे हैं। वकील ने इस दौरान कहा कि असम जल रहा है, अभी इस एक्ट पर स्टे की जरूरत है। हालांकि, चीफ जस्टिस ने इस सुनवाई को तुरंत करने से इनकार कर दिया।
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जो कि चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस सूर्यकांत की बेंच के सामने लंबित हैं। बेंच ने सभी याचिकाओं को बुधवार को सुनने के लिए कहा था।
याचिकाकर्ताओं में कांग्रेस नेता जयराम रमेश, त्रिपुरा के शाही परिवार के सदस्य प्रद्योत किशोर देब बर्मन, असदुद्दीन ओवैसी, महुआ मोइत्रा, पीस पार्टी, एम एल शर्मा समेत कई याचिकाकर्ता शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट में 50 से भी ज्यादा याचिकाएं इस कानून के खिलाफ लंबित हैं।