सीएम अखिलेश का पीएम को पत्र, बनारस में शिवपुर-लहरतारा मार्ग के लिए मांगे 396 करोड़

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लखनऊ नगर में प्रस्तावित पिपराघाट पुल, कुकरैल नाले पर फ्लाईओवर, सीमैप के पास सकरे नाले पर पुलिया के निर्माण तथा तेलीबाग के निकट 700 मीटर सड़क के चैड़ीकरण की वर्किंग परमिशन प्रदान कराने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।सीएम अखिलेश का पीएम को पत्र, बनारस में शिवपुर-लहरतारा मार्ग के लिए मांगे 396 करोड़

इसके साथ ही उन्होंने वाराणसी में शिवपुर-लहरतारा (फुलवरिया) मार्ग के 04 लेन चैड़ीकरण के लिए 396.54 करोड़ रुपए की अनुमानित धनराशि को शीघ्र अवमुक्त कराने का आग्रह भी किया है। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है।

अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने इस तथ्य का उल्लेख भी किया है कि दिलकुशा एवं जनेश्वर मिश्र पार्क के मध्य (गोमती नदी) पर बनने वाले पिपराघाट सेतु को सेना की आपत्ति के कारण रोक दिया गया है। इस हेतु नवम्बर, 2015 एवं जुलाई, 2016 में रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर वर्किंग परमिशन प्रदान करने का अनुरोध किया गया था।

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इसी प्रकार गोमती बैराज से खुर्रमनगर तक बनने वाली सड़क के लिए कुकरैल नाले पर फ्लाईओवर का कार्य भी रुका है। इनके अलावा सीमैप के पास पुलिया के चैड़ीकरण एवं तेलीबाग के निकट सड़क के चैड़ीकरण का कार्य भी लम्बित है। इससे आम जनता को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि 03 सितम्बर, 2016 को सेना तथा राज्य सरकार के बीच भूमि स्वामित्व/अध्यासन/हस्तांतरण से सम्बन्धित दशकों से लम्बित मुद्दों के समाधान के लिए बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के अलावा रक्षा मंत्रालय के अपर सचिव के साथ-साथ सेना एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया था। जिसके क्रम में रक्षा मंत्रालय ने 12 सितम्बर, 2016 को लखनऊ के निर्माणाधीन कार्यों के लिए वर्किंग परमिशन प्रदान कर दी गई थी, किन्तु सेना द्वारा मौके पर निर्माण कार्यों को रोक दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि लखनऊ में क्रियान्वित की जा रही विभिन्न परियोजनाओं में सेना को बदले में एकमुश्त भूमि उपयुक्त स्थल पर दिए जाने का प्रयास किया जा रहा है। भूमि हस्तांतरण में कुछ समय लगने की सम्भावना है।

लम्बे समय से आवश्यक, महत्वपूर्ण जनोपयोगी परियोजनाओं का निर्माण कार्य रोके रखने से जहां एक ओर इन परियोजनाओं का लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है, वहीं निर्माण कार्यों की लागत भी बढ़ती जा रही है। इसलिए इन परियोजनाओं की वर्किंग परमिशन तत्काल उपलब्ध करायी जाए, जिससे इन्हें पूरा कर इनका लाभ जनता को दिलाया जा सके।

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