Award : साहित्य व सामाजिक क्षेत्र में सराहनीय योगदान हेतु 6 विशिष्ट विभूतियां सम्मानित
लखनऊ : अखिल भारतीय अगीत परिषद्, नवसृजन (साहित्यिक एवं साँस्कृतिक संस्था) एवं मीडिया फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में 39वें कलमवीर दिवस समारोह का आयोजन आज उ.प्र. प्रेस क्लब, हजरतगंज, लखनऊ में सम्पन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति वी. के. दीक्षित ने हिन्दी साहित्य जगत के सशक्त हस्ताक्षर पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ समेत विशिष्ट विभूतियों को अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर ‘कलमवीर चक्र सम्मान’ से सम्मानित किया। समारोह की अध्यक्षता डा. रंगनाथ मिश्र ‘सत्य’ ने की जबकि समारोह का संयोजन व संचालन डा. योगेश गुप्त ने किया। इस सम्मान समारोह में ‘कलमवीर चक्र सम्मान’ से सम्मानित हस्तियों में सर्वश्री पं.हरि ओम शर्मा ‘हरि’ के अलावा महेश चन्द्र द्विवेदी, पूर्व डी.जी.पी., डा. इक्तेदार हुसैन फारूकी, प्रो. वी.जी. गोस्वामी, प्रो. ऊषा सिन्हा एवं वरिष्ठ पत्रकार हेमन्त तिवारी शामिल हैं।
इस अवसर पर प्रख्यात साहित्यकार एवं योजना आयोग के पूर्व सदस्य डा. सुल्तान शाकिर हाशमी की पुस्तक ‘जयप्रकाश नारायण महाकाव्य’ का विमोचन भी हुआ। डा. हाशमी अब तक 46 पुस्तकें लिख चुके हैं। इस अवसर पर डा. हाशमी का 62वाँ जन्मदिवस भी बड़े उल्लासपूर्ण माहौल में मनाया गया। मंचासीन विद्वानों, गणमान्य अतिथियों एवं उपस्थित दर्शकों, सभी ने सुल्तान शाकिर हाशमी को जन्मदिवस की शुभकामनाएं दी। समारोह में ‘नवसृजन’ साहित्यिक संस्था द्वारा वरिष्ठ साहित्यकार, शायर, पत्रकार डा. सुल्तान शाकिर हासमी को ‘अवध गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सुल्तान शाकिर हाशमी ने सभी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी पुस्तक प्रेमियों व प्रबुद्ध जनों के सहयोग की बदौलत ही मैं समाज के प्रति अपने दायित्वों के निर्वहन का भरपूर प्रयास कर रहा हूँ। मेरा मानना है कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में वैचारिक उत्कृष्टता हेतु विचारों के आदान-प्रदान का प्रवाह सतत बना रहना चाहिए, जिससे आने वाली पीढ़ियों को उज्जवल भविष्य मिल सके।
समारोह के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति वी. के. दीक्षित ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि मैं समझता हूँ कि यह समारोह युवा पीढ़ी को आगे बढ़कर सामाजिक विकास में रचनात्मक योगदान हेतु प्रेरित करेगा एवं साहित्य, समाज, शिक्षा व पत्रकारित आदि क्षेत्रों के नवोदित होनहारों को इन विशिष्ट विभूतियों के अनुभवों से आशातीत लाभ होगा। समारोह के संयोजक डा. योगेश गुप्त ने कहा कि यह सम्मान समारोह विभिन्न हस्तियों के सामाजिक उत्थान के प्रयासों को जन-मानस के बीच लाने का एक प्रयास है। उन्होंने पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ समेत अन्य विभूतियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए डा. रंगनाथ मिश्र ‘सत्य’ ने कहा कि यहाँ उपस्थित हम सभी का नैतिक दायित्व है कि संस्कारों, सद्विचारों व जीवन मूल्यों की त्रिवेणी अबाध रूप से बहती रहे, और इसका लाभ हमारी आने वाली पीढ़ियों को मिल सके। इसलिए हमें अपनी भावी पीढ़ियों का मार्गदर्शन, उन्हें जीवन मूल्यों व संस्कारों से जोड़ना एवं अपनी महान सभ्यता व संस्कृति से सतत् रूबरू कराते रहना है।