सावन के आखिरी दिन जरूर करें ये काम, बरसेगी शिव-पार्वती की कृपा

सावन पूर्णिमा (Sawan Purnima 2025) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है जो भगवान विष्णु चंद्र देव और शिव जी को समर्पित है। इस दिन भक्त शिवलिंग पर दूध मिश्रित जल चढ़ाते हैं और भोलेनाथ के 108 नामों का जाप करते हैं जिससे सभी कष्टों का नाश होता है तो आइए भोलेनाथ के नामों का जप करते हैं।

पूर्णिमा हिंदू चंद्र कैलेंडर के सबसे शुभ दिनों में से एक है। एक साल में 12 पूर्णिमा पड़ती है। सभी पूर्णिमा का अपना महत्व है, लेकिन सावन पूर्णिमा विशेष मानी गई है। यह तिथि भगवान विष्णु और चंद्र देव को समर्पित है, लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं कि यह सावन पूर्णिमा है, इसलिए यह भगवान शिव (Sawan Purnima 2025) को भी समर्पित है।

कहते हैं कि इस दिन शिवलिंग पर दूध मिश्रित जल चढ़ाने और भोलेनाथ के 108 नामों का जप करने से सभी कष्टों का अंत होता है, तो आइए यहां पढ़ते हैं।

।।भगवान शिव के 108 नाम।।
ॐ महाकाल नमः
ॐ रुद्रनाथ नमः
ॐ भीमशंकर नमः
ॐ नटराज नमः
ॐ प्रलेयन्कार नमः
ॐ चंद्रमोली नमः
ॐ डमरूधारी नमः
ॐ चंद्रधारी नमः
ॐ भोलेनाथ नमः
ॐ कैलाश पति नमः
ॐ भूतनाथ नमः
ॐ नंदराज नमः
ॐ नन्दी की सवारी नमः
ॐ ज्योतिलिंग नमः
ॐ मलिकार्जुन नमः
ॐ भीमेश्वर नमः
ॐ विषधारी नमः
ॐ बम भोले नमः
ॐ विश्वनाथ नमः
ॐ अनादिदेव नमः
ॐ उमापति नमः
ॐ गोरापति नमः
ॐ गणपिता नमः
ॐ ओंकार स्वामी नमः
ॐ ओंकारेश्वर नमः
ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
ॐ भोले बाबा नमः
ॐ शिवजी नमः
ॐ शम्भु नमः
ॐ नीलकंठ नमः
ॐ महाकालेश्वर नमः
ॐ त्रिपुरारी नमः
ॐ त्रिलोकनाथ नमः
ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
ॐ बर्फानी बाबा नमः
ॐ लंकेश्वर नमः
ॐ अमरनाथ नमः
ॐ केदारनाथ नमः
ॐ मंगलेश्वर नमः
ॐ अर्धनारीश्वर नमः
ॐ नागार्जुन नमः
ॐ जटाधारी नमः
ॐ नीलेश्वर नमः
ॐ जगतपिता नमः
ॐ मृत्युन्जन नमः
ॐ नागधारी नमः
ॐ रामेश्वर नमः
ॐ गलसर्पमाला नमः
ॐ दीनानाथ नमः
ॐ सोमनाथ नमः
ॐ जोगी नमः
ॐ भंडारी बाबा नमः
ॐ बमलेहरी नमः
ॐ गोरीशंकर नमः
ॐ शिवाकांत नमः
ॐ महेश्वराए नमः
ॐ महेश नमः
ॐ संकटहारी नमः
ॐ महेश्वर नमः
ॐ रुंडमालाधारी नमः
ॐ जगपालनकर्ता नमः
ॐ पशुपति नमः
ॐ संगमेश्वर नमः
ॐ दक्षेश्वर नमः
ॐ घ्रेनश्वर नमः
ॐ मणिमहेश नमः
ॐ अनादी नमः
ॐ अमर नमः
ॐ आशुतोष महाराज नमः
ॐ विलवकेश्वर नमः
ॐ अचलेश्वर नमः
ॐ ओलोकानाथ नमः
ॐ आदिनाथ नमः
ॐ देवदेवेश्वर नमः
ॐ प्राणनाथ नमः
ॐ शिवम् नमः
ॐ महादानी नमः
ॐ शिवदानी नमः
ॐ अभयंकर नमः
ॐ पातालेश्वर नमः
ॐ धूधेश्वर नमः
ॐ सर्पधारी नमः
ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
ॐ हठ योगी नमः
ॐ विश्लेश्वर नमः
ॐ नागाधिराज नमः
ॐ सर्वेश्वर नमः
ॐ उमाकांत नमः
ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
ॐ त्रिकालदर्शी नमः
ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
ॐ महादेव नमः
ॐ गढ़शंकर नमः
ॐ मुक्तेश्वर नमः
ॐ नटेषर नमः
ॐ गिरजापति नमः
ॐ भद्रेश्वर नमः
ॐ त्रिपुनाशक नमः
ॐ निर्जेश्वर नमः
ॐ किरातेश्वर नमः
ॐ जागेश्वर नमः
ॐ अबधूतपति नमः
ॐ भीलपति नमः
ॐ जितनाथ नमः
ॐ वृषेश्वर नमः
ॐ भूतेश्वर नमः
ॐ बैजूनाथ नमः
ॐ नागेश्वर नमः

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