सावधान! सबसे बड़ा खतरा लेकर आ रहा है साल का पहला सूर्य ग्रहण

2018 का पहला सूर्य ग्रहण अर्धरात्रि में 15 व 16 फरवरी 2018 के संधिकाल में पड़ेगा। इसलिए भारत में तो दृश्य नहीं होगा लेकिन कुछ पश्चिमी देशों में यह देखा जाएगा। लेकिन इसके प्रभाव खतरनाक साबित हो सकते हैं।

सूर्य ग्रहण तब पड़ता है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है। चूंकि यह ग्रहण अर्धरात्रि में 15 व 16 फरवरी, 2018 के संधिकाल में पड़ेगा, इसलिए भारत में तो दृश्य नहीं होगा परंतु कुछ पश्चिमी देश जैसे कि अर्जेन्टिना इत्यादि में देखा जाएगा।
मेदिनी ज्योतिष दो लगातार आने वाले ग्रहणों को लेकर अधिक गम्भीर है, चूंकि 31 जनवरी, 2018 की पूर्णिमा को शानदार चंद्र ग्रहण था और उससे अगल पक्ष में ही अमावस्या को यह आंशिक सूर्य ग्रहण पड़ रहा है तो दुनिया में कहीं न कहीं भू-पटल में दरारें पड़ेंगी और भूकंप जैसी घटनाएं आएंगी।
जहां दक्षिणी अमेरिका के देशों में दक्षिणी अक्षांशों में घटनाएं आएंगी। अमेरिका में भारी बेचैनी रहेगी। भारत में असर कम होगा परंतु उत्तरी अक्षांशों में अधिक सर्दी, हिमपात, असमय वर्षा व कहीं-कहीं भूकंप के झटके महसूस होंगे।पाकिस्तान, ईरान, ईराक व शिवालिक पहाड़ियां थोड़ी बहुत प्रभावित हो सकती हैं। भारत में खतरा बहुत अधिक नहीं है परंतु 16 फरवरी व बाद के महीने-दो महीने भूकम्पों से सावधान रहना होगा।
जहां दक्षिणी अमेरिका के देशों में दक्षिणी अक्षांशों में घटनाएं आएंगी। अमेरिका में भारी बेचैनी रहेगी। भारत में असर कम होगा परंतु उत्तरी अक्षांशों में अधिक सर्दी, हिमपात, असमय वर्षा व कहीं-कहीं भूकंप के झटके महसूस होंगे।पाकिस्तान, ईरान, ईराक व शिवालिक पहाड़ियां थोड़ी बहुत प्रभावित हो सकती हैं। भारत में खतरा बहुत अधिक नहीं है परंतु 16 फरवरी व बाद के महीने-दो महीने भूकम्पों से सावधान रहना होगा।
मेदिनी ज्योतिष के अनुसार अगर ग्रहण दिखता है तब ग्रहण की राशि और नक्षत्र के क्षेत्राधिकार में शासन और जनता पर असर आता है। वराहमिहिर ने कूर्मचक्र के अन्तर्गत नक्षत्रों के क्षेत्राधिकार के देश बताए हैं। इस समय कुम्भ राशि और धनिष्ठा नक्षत्र पर ग्रहण पड़ेगा।
भारत में पश्चिम और वायव्य दिशा के राज्य धनिष्ठा नक्षत्र के अन्तर्गत आते हैं। इस सूर्य ग्रहण की राशि और नक्षत्र मध्य भारत में स्थित नहीं हैं, इसलिए भारत में इसका प्रभाव कम होगा और भारत में सूतक भी नहीं लगेगा। यह ग्रहण दक्षिणी अमेरिका जिसमें अर्जेन्टिना और चिली शामिल हैं तथा उरुग्वे और ब्राजील जैसे देशों में देखा जाएगा। एन्टार्टिका में यह अधिक देखा जाएगा।