साल में सिर्फ एक बार ही कर सकते है महादेव शिवजी के दर्शन…..

राजनांदगांव-कवर्धा मुख्य मार्ग पर स्थित गंडई से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मंढीप गुफा. लेकिन यहां बाबा के दर्शन करने का मौका साल में एक ही दिन मिल सकता है, अक्षय तृतीया के बाद पड़ने वाले पहले सोमवार को.  वहां जाने के लिए एक ही नदी को 16 बार लांघना पड़ता है. यह कोई अंधविश्वास नहीं है, बल्कि वहां जाने का रास्ता ही इतना घुमावदार है कि वह नदी रास्ते में 16 बार आती है.साल में सिर्फ एक बार ही कर सकते है महादेव शिवजी के दर्शन.....

हर साल अक्षय तृतीया के बाद पड़ने वाले पहले सोमवार के दिन गुफा के पास इलाके के हजारों लोग जुटते हैं. परंपरानुसार सबसे पहले ठाकुर टोला राजवंश के लोग पूजा करने के बाद गुफा में प्रवेश करते हैं. उसके बाद आम दर्शनार्थियों को प्रवेश करने का मौका मिलता है. गुफा के डेढ़-दो फीट के रास्ते में घुप अंधेरा रहता है. लोग काफी कठिनाई से रौशनी की व्यवस्था साथ लेकर बाबा के दर्शन के लिए अंदर पहुंचते हैं. गुफा में एक साथ 500-600 लोग प्रवेश कर जाते हैं.

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में घनघोर जंगलों के बीच गुफा में एक शिवलिंग स्थापित है, जिसे लोग मंढीप बाबा के नाम से जानते हैं. निर्जन स्थान में गुफा के ढा़ई सौ मीटर अंदर उस शिवलिंग को किसने और कब स्थापित किया यह कोई नहीं जानता. कहा जाता है कि वहां बाबा स्वयं प्रकट हुए हैं. यानी शिवलिंग का निर्माण प्राकृतिक रूप से हुआ है.

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