दक्षिण चाइना सी में अमेरिकी जंगी जहाज की गश्त से भड़का चीन, कहा- अपनी भूल सुधारे


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चीन के विरोध के बीच पेंटागन प्रवक्ता जेफ डेविस ने कहा कि – ‘यह गश्ती किसी एक देश को लेकर नहीं है और न ही किसी एक जलक्षेत्र को लेकर है।’ माना जा रहा है कि स्वतंत्र नौपरिवहन अभियान अमेरिका की ओर से दिया गया ऐसा संकेत है, जो उसके अहम समुद्री मार्गों को खुला रखने के इरादे को जाहिर करता है। अक्टूबर-2016 के बाद पहली बार किए गए इस युद्धाभ्यास पर पेंटागन प्रवक्ता ने कहा कि – ‘हम एशिया-प्रशांत क्षेत्र में नियमित आधार पर आते-जाते हैं, जिसमें दक्षिण चीन सागर भी शामिल है और हम अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक ऐसा करते हैं।’ इस कार्रवाई द्वारा ट्रंप चीन को ऐसे वक्त में गुस्सा दिला रहे हैं, जब अमेरिका उत्तर कोरिया पर लगाम कसने के लिए चीन से मदद मांग कर रहा है।
चीनी मीडिया (डिफेंस टाइम्स) के मुताबिक यह कदम मई 2014 में शुरू हुई रक्षा गतिविधियों का हिस्सा है। इस द्वीप पर चीन ने भूमि सुधार के नाम पर नियंत्रण किया है, जहां उसने बंदरगाह, एयरफील्ड, रनवे और समुद्री रास्ते बना लिए हैं। हालांकि यहां ताइवान, फिलीपींस, ब्रनेई, मलेशिया और वियतनाम भी अपना दावा करते हैं।
इस कार्रवाई से अमेरिका व चीन में बढ़ेगा तनाव
अमेरिका ने चीन के दावे वाले इलाके के काफी नजदीक से जो अपना युद्धपोत गुजारा है उससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के आसार व्यक्त किए गए हैं। बीजिंग में विदेशी मामलों के विशेषज्ञ सुन हाओ ने कहा है कि यदि अमेरिका चीन को उसकी सामुद्रिक सीमाओं में जाने से रोकता है तो दोनों देशों के बीच जंग का खतरा बढ़ेगा।
चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के तेंग जियानकुन के मुताबिक यदि अमेरिका, चीन को रोकता है तो यह जंग का ऐलान करने जैसा होगा। तेंग जियानकुन ने इस कार्रवाई को मूर्खतापूर्ण हरकत भी बताया।