सरकार का आदेश-30 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए ऑनलाइन कक्षाएं

नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा के दौरान विद्यार्थियों को मानसिक एवं शारीरिक तनाव सहित अन्य रोगों से बचाने के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की संख्या और अवधि (स्क्रीन कैप) को लेकर मंगलवार को ‘प्राज्ञाता’ नामक दिशा निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों के अनुसार, पूर्व-प्राथमिक विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं 30 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए। वहीं पहली से आठवीं कक्षा के 30-45 मिनट अवधि के दो ऑनलाइन सत्र और कक्षा 9 से 12 वीं के लिए 30-45 मिनट अवधि के चार सत्र ही आयोजित करने की सलाह दी है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को डिजिटल माध्यम से इन दिशानिर्देशों को जारी किया।
 ‘प्राज्ञाता’ दिशा निर्देशों में ऑनलाइन व डिजिटल शिक्षा के आठ चरण हैं। इसमें योजना- समीक्षा- व्यवस्था- गाइड- याक (बात) – असाइन- ट्रैक- सराहना शामिल हैं।। ये कदम उदाहरणों के साथ कदम से कदम मिलाकर डिजिटल शिक्षा की योजना और कार्यान्वयन का मार्गदर्शन करते हैं।
निशंक ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण स्कूलों को बंद कर दिया गया और इससे देश के 24 करोड़ से अधिक विद्यार्थी प्रभावित हैं। स्कूल बंद होने से पढ़ाई का नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए, स्कूलों को न केवल अब तक पढ़ाने और सीखने के तरीके को फिर से तैयार करना होगा बल्कि स्कूली शिक्षा के एक स्वस्थ तालमेल के माध्यम से घर पर और स्कूल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की एक उपयुक्त विधि भी पेश करनी होगी।

निशंक ने कहा कि विद्यालय प्रमुखों, शिक्षकों, अभिभावकों, शिक्षक शिक्षकों और छात्रों सहित विभिन्न हितधारकों के लिए दिशानिर्देश प्रासंगिक और उपयोगी होंगे। दिशानिर्देश एनसीईआरटी के वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर के उपयोग पर जोर देते हैं। इसमें शिक्षार्थियों के पास डिजिटल उपकरणों की उपलब्धता और सीमित या बिना डिजिटल संसाधनों वाले विद्यार्थियों का भी ध्यान रखा गया है।

उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अप्रैल से शुरू हुए नए शैक्षणिक सत्र में अब तक ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से ही पठन-पाठन का कार्य चल रहा है।

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