सपा ने गोरखपुर के सांसद का काटा टिकट, घोषित किया नया उम्मीदवार
लखनऊ। सांसदों का टिकट काटने के मामले में अब समाजवादी पार्टी भी भारतीय जनता पार्टी से पीछे नहीं है। समाजवादी पार्टी ने आज दो प्रत्याशियों का नाम घोषित किया गया। इनमें गोरखपुर से सांसद प्रवीण कुमार निषाद का टिकट काटा गया है। पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद को यहां से प्रत्याशी घोषित कर दिया है। समाजवादी पार्टी ने कानपुर से राम कुमार को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। सपा उत्तर प्रदेश में अब तक 37 में से अपने 24 प्रत्याशियों का नाम घोषित कर चुकी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में समाजवादी पार्टी ने बड़ा उलटफेर करते हुए अपने मौजूदा सांसद प्रवीण निषाद का टिकट काट दिया है। उन्होंने भाजपा का यहां पर वरदहस्त समाप्त किया था। समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते प्रवीण कुमार निषाद प्रदेश में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद के पुत्र हैं। सपा ने पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद को यहां से प्रत्याशी घोषित कर दिया है। सपा-बसपा गठबंधन में यह सीट सपा के कोटे में थी, जिस पर ‘साथी ने रामभुआल निषाद को प्रत्याशी बनाने का निर्णय लिया है। उपचुनाव में भाजपा को गढ़ में ही परास्त करने वाली समाजवादी पार्टी ने यह कारनामा बसपा और निषाद पार्टी के सहयोग से किया था। इस आधार पर लोकसभा चुनाव में भी इन सभी दलों के बीच गठबंधन पर बात लगभग तय थी। प्रत्याशी के रूप में सांसद प्रवीण निषाद के नाम पर भी सभी एक राय थे।
तीन दिन पहले ही निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद ने लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ प्रेसवार्ता कर गठबंधन को सहयोग देने का ऐलान किया था। गठबंधन से कुछ और सीटों की मांग को लेकर सहमति न बनने पर तीसरे दिन डा. संजय के सुर बदल गए और उन्होंने सपा में सम्मान न मिलने की बात कहते हुए भाजपा के शीर्ष पदाधिकारियों समेत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर ली। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद की शुक्रवार को मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात के बाद राजनीतिक समीकरण में तेजी से बदलाव शुरू हो गया है। सुबह ही सपा ने गोरखपुर सदर सीट से रामभुआल निषाद को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।
मायावती सरकार में मंत्री रहे राम भुआल निषाद विधानसभा चुनाव 2017 से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। बाहुबली नेता राम भुआल निषाद को भाजपा ने चिल्लूपार से टिकट दिया था, जहां बसपा के विनय शंकर तिवारी से उनको हार झेलनी पड़ी थी। अब समाजवादी पार्टी ने राम भुआल पर दांव लगाया है। राम भुआल निषाद पहले भाजपा में थे और बीते विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर गोरखपुर के चिल्लूपार से चुनाव भी लड़े थे।
निषाद वोट बैंक ही निशाने पर
रामभुआल के प्रत्याशी बनने के बाद यह तय हो गया कि गोरखपुर सीट पर निषाद वोट बैंक ही सभी दलों के पहले निशाने पर हैं। रामभुआल निषाद को टिकट देकर सपा-बसपा ने अपनी रणनीति लगभग तय कर दी निषाद वोटों पर कब्जा उसके मुख्य एजेंडे में है। गठबंधन अब अपने बेस वोट बैंक के साथ निषादों को साध कर मैदान में उतरेगी।
भाजपा में दो निषादों से बढ़ा संकट
इस प्रतिष्ठित सीट पर भाजपा ने अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। पूर्व मंत्री जमुना निषाद के बेटे अमरेंद्र और पत्नी राजमति निषाद सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थीं। उनका कहना था कि भाजपा से टिकट को लेकर उन्हें आश्वस्त किया गया है। इसी बीच निषाद पार्टी के भी भाजपा में शामिल होने से असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। इसके पहले भी पार्टी में जय प्रकाश निषाद की मौजूदगी है।
रामभुआल निषाद कौड़ीराम से दो बार विधायक रहे चुके हैं। रामभुआल निषाद कौड़ीराम से दो बार विधायक रहे चुके हैं। गोरखपुर के बड़हलगंज के रहने वाले राम भुआल का नाम निषाद समाज के बड़े नेताओं में आता है। रामभुआल निषाद बसपा सरकार में मत्स्य राज्य मंत्री थे।
कानपुर से राम कुमार प्रत्याशी
कानपुर से घोषित गठबंधन प्रत्याशी राम कुमार भी निषाद बिरादरी से आते हैं और पेशे से वकील हैं। राम कुमार निषाद उन्नाव सदर सीट से विधायक भी रह चुके हैं। राम कुमार निषाद के पिता मनोहर लाल 1977 में भारतीय लोक दल के टिकट पर कानपुर से सांसद चुने जा चुके हैं। राम कुमार निषाद के भाई दीपक 1999 में उन्नाव लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। कानपुर सीट के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले ही इशारा कर दिया था कि वह भाजपा का प्रत्याशी घोषित होने के बाद ही गठबंधन प्रत्याशी की घोषणा करेंगे। भाजपा से एमएसएमई मंत्री सत्यदेव पचौरी के मैदान में आने के बाद से लखनऊ में कानपुर को लेकर सपा मुखिया ने कई बैठकें कीं। स्थानीय नेताओं से तमाम नामों की चर्चा चलती रही। अंतत: जातीय समीकरण पर गुणा-भाग कर सपा ने राम कुमार एडवोकेट को मुफीद माना है। सपा ने शनिवार को लखनऊ में उनके नाम की घोषणा कर दी।
सपा ने बुधवार को तीन उम्मीदवारों की एक सूची जारी की थी। इसमें एटा से देवेंद्र यादव, पीलीभीत से हेमराज वर्मा व फैजाबाद से आनंद सेन को प्रत्याशी घोषित किया था।