श्रीलंका में आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन के दौरान बड़ा धमाका, 4 संदिग्धों समेत 15 की मौत

श्रीलंका में सीरियल बम धमाकों से तबाही मचाने वालों की धरपकड़ की जा रही है. स्थानीय एजेंसी संदिग्धों को पकड़ने के लिए मैराथन सर्च ऑपरेशन चला रही हैं और अब तक 75 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसी कड़ी में सुरक्षा बलों ने शुक्रवार शाम पूर्वी प्रांत में एक ठिकाने पर रेड की. इस दौरान जब बंदूकधारियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई तो आत्मघाती हमलावरों ने खुद को उड़ा लिया. इस धमाके में 15 लोगों की मौत हो गई.

पुलिस ने जानकारी दी है कि इनमें 6 बच्चे, तीन महिलाओं भी शामिल हैं. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया है कि कुल 15 शव बरामद हुए हैं जिसमें छह पुरुष, तीन महिलाएं और छह बच्चे हैं. पुलिस के मुताबिक, कम से कम चार संदिग्ध आत्मघाती हमलावर मारे गए और तीन अन्य घायल अस्पताल में हैं. 

बीते 21 अप्रैल को ईस्टर पर चर्चों में हुए धमाकों के लिए जिम्मेदार माने जा रहे स्थानीय आतंकवादी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के सदस्यों की तलाश की जा रही है.  इन धमाकों में 253 लोग मारे गए और 500 से अधिक घायल हो गए. इस अटैक ने श्रीलंका के सियासी हालात भी बदल दिए हैं. सुरक्षा परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया कि आतंकवादियों पर कार्रवाई के लिए तलाश अभियान तब तक जारी रहना चाहिए जब तक उसका पूरी तरह से खात्मा ना हो जाए.

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21 अप्रैल को चर्च में हुआ था बम धमाका

इसी क्रम में शुक्रवार शाम पूर्वी प्रांत में संदिग्धों के एक ठिकाने को टारगेट किया. लेकिन जैसे ही सुरक्षाबल वहां पहुंचे तो बंदूकधारी हमलावरों से उनका सामना हो गया है. बताया जा रहा है कि इस दौरान आत्मघाती हमलावरों ने खुद को बम से उड़ा लिया, जिसमें कुल 15 लोगों की मौत हो गई. इनमें चार संदिग्ध आत्मघाती हमलावर बताए जा रहे हैं.

यह घटना कोलंबो से 325 किलोमीटर दूर तटीय शहर सम्मनतुरई में हुई. पुलिस ने बताया है कि उन्होंने विस्फोटकों का बड़ा जखीरा, एक ड्रोन और इस्लामिक स्टेट के लोगो वाला एक बैनर जब्त किया है.

न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, श्रीलंका में आईएस के सदस्यों को दर्शाने वाले एक वीडियो में जिस तरह का पहनावा पहना गया था, वे छापे में मिले वीडियो में दिखी आईएस की पृष्ठभूमि से मिलता जुलता था.

253 लोगों की मौत वाली इस दर्दनाक घटना पर शुक्रवार को श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि आईएसआईएस से जुड़े स्थानीय आतंकवादी संगठनों की ओर से पेश किए जा रहे खतरों से निपटने के लिए देश को नए कानून की जरूरत है. विक्रमसिंघे ने कहा कि आतंकवाद को मदद करने पर परिभाषा बेहद संकीर्ण है. इसलिए, इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए कानून मजबूत नहीं है.

बता दें, 21 अप्रैल को ईसाई समुदाय के पर्व ईस्टर के मौके पर श्रीलंका के अलग अलग इलाकों में चर्चों को बम धमाकों से दहला दिया गया था, और इन हमलों में 253 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि सैकड़ों की तादाद में लोग जख्मी हुए थे. हमले के बाद एक तस्वीर सामने आई थी, जिसे आईएस द्वारा जारी बताया गया है.

इसके बाद जांच में जुटी स्थानीय पुलिस ने गुरुवार को कुछ संदिग्धों के नाम और फोटो जारी कर उनके बारे में जनता से जानकारी मांगी है. साथ ही संदिग्धों की गिरफ्तारी भी की जा रही हैं. हालांकि, इन हमलों की जिम्मेदीरी आईएसआईएस ने ली है, लेकिन स्थानीय संगठनों की भूमिका भी जांच के दायरे में है और उसी के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

 

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