शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू हत्याकांड के आरोपियों को HC से झटका

शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू की हत्या के आरोपी व खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के सदस्य हरभिंदर सिंह और नवप्रीत सिंह को झटका देते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इनकी जमानत याचिका रद्द करते हुए किसी भी राहत से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि एनआईए प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ताओं के खिलाफ ठोस सामग्री सामने लाने में सक्षम है।
हरभिंदर और नवप्रीत की ओर से दाखिल याचिका में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से जमानत की अपील की गई थी। अप्रैल में मोहाली की विशेष एनआईए अदालत द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज करने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली थी। याचिका में कहा गया कि सह-आरोपी इंद्रजीत सिंह के बयान में उनके खिलाफ ठोस सामग्री नहीं थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने माना कि एनआईए के पास उपलब्ध सामग्री के अनुसार अपीलकर्ता अन्य सह-अभियुक्तों के साथ खालिस्तान विचारधारा का प्रचार कर रहे थे। इसी कार्य के दौरान उन्होंने कॉमरेड बलविंदर सिंह संधू की हत्या की थी।
अक्तूबर 2020 में शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह की भिखीविंड में उनके आवास में हत्या कर दी गई थी। इस संबंध में भिखीविंड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था और बाद में यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया था। एनआईए की जांच में पाया गया कि नवप्रीत सिंह और हरभिंदर सिंह मुख्य आरोपी इंद्रजीत सिंह के करीबी सहयोगी थे। दोनों ने लक्ष्य की रेकी की थी और साजिश में शामिल थे। इस प्रकार यह प्रदर्शित होता है कि प्रथम दृष्टया अभियोजन के पास याचिकाकर्ताओं के खिलाफ पर्याप्त सामग्री है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है याचिकाकर्ताओं ने बलविंदर सिंह संधू की हत्या करने के लिए मुख्य आरोपी इंद्रजीत सिंह के साथ संयुक्त आपराधिक साजिश रची थी।