शाहजहांपुर में बनेगा यूपी का 25वां राज्य विश्वविद्यालय

शाहजहांपुर स्थित मुमुक्ष आश्रम ट्रस्ट के अधीन चल रही सभी शैक्षणिक इकाइयों को उच्चीकृत करते हुए यहां स्वामी शुकदेवानंद राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। कैबिनेट ने शुक्रवार को उच्च शिक्षा विभाग के इससे संबंधित प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही प्रदेश में 25वें राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश में उच्च शिक्षा के सर्वांगीण विकास के लिए मुमुक्ष आश्रम ट्रस्ट के मुख्य अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती द्वारा ट्रस्ट की सभी चल-अचल परिसंपत्तियों को निःशुल्क राज्य सरकार को हस्तांतरित किया गया है। इससे विश्वविद्यालय की स्थापना का आधार मजबूत हुआ है। इसके लिए कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन करते हुए नए राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना को हरी झंडी दे दी है।

उच्च शिक्षा के नए अवसर खुलेंगे
उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में युवाओं को गुणवत्तापूर्ण व सुलभ उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य व निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना कर रही है। इसके तहत प्रदेश में 24 राज्य व 51 निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा चुकी है। इसी क्रम में स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय की स्थापना से शाहजहांपुर व आस-पास के क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के नए अवसर खुलेंगे तथा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। प्रदेश के युवाओं को अत्याधुनिक शैक्षिक सुविधाओं, अनुसंधान संसाधनों व नवाचार आधारित शिक्षण का लाभ मिलेगा।

स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय बनने से जिले की शिक्षा व्यवस्था को नया आयाम मिलेगा। मुमुक्षु आश्रम ट्रस्ट की सभी इकाइयों को एकीकृत किया गया है। इसके तहत 15 दिन में अधिकतम नौ पद सृजित किए जाएंगे। संभावना है कि वर्ष 2026 में विश्वविद्यालय शुरू हो जाएगा। हालांकि विश्वविद्यालय का संचालन शुरू करने का कार्य शासन की ओर से किया जाएगा।

पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने मुमुक्षु आश्रम को विश्वविद्यालय बनाने की पहल की थी। काफी उतार-चढ़ाव के बाद उनकी कोशिश रंग लाई। शासन ने उनके प्रयास को हरी झंडी देते हुए मंजूरी दे दी है। मंत्रिपरिषद ने ओएमयू की शर्तों के अनुसार, स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय की स्थापना किए जाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई किए जाने के प्रस्ताव को सहमति प्रदान की है।

इस मंजूरी के बाद संकुल में संचालित स्वामी शुकदेवानंद कॉलेज, स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय, श्री देवी सम्पद ब्रह्मचर्य संस्कृत महाविद्यालय, श्री धर्मानंद सरस्वती कॉलेज और श्री शंकर मुमुक्षु विद्यापीठ को एकीकृत किया जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद कुलपति, कुलसचिव, वित्त अधिकारी और परीक्षा नियंत्रक समेत नौ पद सृजित किए जाएंगे। ये पद 15 दिन के अंदर सृजित होंगे। उसके बाद विश्वविद्यालय की आगामी प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।

8.506 हेक्टेयर मुमुक्षु आश्रम ट्रस्ट का कुल क्षेत्रफल
20.039 एकड़ भूमि विश्वविद्यालय की स्थापना को उपलब्ध होगी। इसमें दुकानों की जमीन शामिल नहीं होगी।

एक अरब 08 करोड़ रुपये की है संपत्ति
डीएम की ओर से जारी हैसियत प्रमाण पत्र में चल-अचल संपत्ति एक अरब 08 करोड़ तीन लाख 20 हजार रुपये है। मुमुक्षु आश्रम की विभिन्न इकाइयाें के भवनों का कुल क्षेत्रफल 33092.2 वर्ग मीटर है। इनका मूल्य 71 करोड़ 91 लाख 9 हजार 566 रुपये आंका गया है।

‘विवि की सौगात के लिए मुख्यमंत्री योगी को श्रेय’
शैक्षिक उन्नति न होने के कारण शाहजहांपुर में युवाओं की प्रतिभा उभर नहीं पा रही थी। जिले में आज भी पीजी कक्षाएं स्ववित्तपोषित चल रहीं हैं। विश्वविद्यालय बनने से शैक्षिक विकास में चमत्कारी विकास होगा। शिक्षा के तमाम नए आयाम विकसित होंगे। नौजवानों को बड़ा मौका मिलेगा। स्वामी शुकदेवानंद के तपोबल का यह परिणाम है कि शाहजहांपुर में यूनिवर्सिटी बनने जा रही है। इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है।

गजट को लेकर जल्द जारी होगी अधिसूचना
मंत्रिपरिषद की मंजूरी के बाद स्वामी शुकदेवानंद राज्य विश्वविद्यालय को लेकर उच्च शिक्षा विभाग जल्द ही गजट जारी कर सकता है। संभावना है कि कुलपति की नियुक्ति के बाद विश्वविद्यालय मूर्त रूप लेगा। जानकार बताते हैं कि पदों का सृजन 15 दिनों में हो जाएगा। उसके बाद कैंपस की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इसके लिए इंजीनियरिंग की टीमों को बुलाया जाएगा। हालांकि, बजट जारी होने पर प्रशासनिक भवन, लैब, नए भवन, पुस्तकालय आदि को बनाया जाएगा। शिक्षण व अन्य कार्यों के लिए नियुक्तियां भी होंगी। स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय बनने से जिले की उच्च शिक्षा में काफी सुधार होंगे। जिले के अंदर के 51 डिग्री कॉलेज संबद्ध होंगे। बाद में पीलीभीत, लखीमपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, सीतापुर समेत कई जनपदों के कॉलेजों को संबद्ध किया जा सकता है। इससे कॉलेजों की निगरानी बढ़ेगी।

विकेंद्रित व्यवस्था से युवाओं को मिलेगा बड़ा लाभ
एसएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य और शिक्षाविद् डॉ. अवनीश मिश्रा ने बताया कि विक्रेंदित शिक्षा प्रणाली से सकारात्मक और सार्थक परिणाम आते हैं। जिले में विश्वविद्यालय बनने से बहुत से नए पाठ्यक्रम संचालित होंगे। शिक्षा का तुलनात्मक रूप से सस्ता होना भी स्वाभाविक है। एआई, एमसीए, एमबीए आदि व्यावसायिक पाठ्यक्रम छात्र-छात्राओं के लिए बेहतर माहौल में उपलब्ध होंगे। विभिन्न खेलों में यूनिवर्सिटी की टीम बनेगी जिसमें जिले के युवाओं को अपनी प्रतिभा साबित करने का बड़े स्तर पर मंच मिलेगा।

प्रतियोगिताओं में भागीदारी बढ़ने से प्रतिस्पर्द्धा के असीम मौके उपलब्ध होंगे। पाठ्यक्रमों में सीटों की कमी भी शिक्षा में आड़े नहीं आएगी। खासतौर पर महिला शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। छात्राओं के लिए होम साइंस, वोकल म्यूजिक, ललित कला आदि के कोर्स वृहद स्तर पर उपलब्ध होंगे। विश्वविद्यालय खुद को मॉडल के तौर पर विकसित करने का प्रयास करेगा। इससे युवाओं के सामने कॅरिअर के बेहतर विकल्प उपलब्ध हो सकेंगे।

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