शाम के नाश्ते में बनाइये फारसी पूरी…
सामग्री :
मैदा – 500 ग्राम या 2 1/2 कप
नमक – एक छोटा चम्मच
जीरा – एक छोटा चम्मच
अजवायन – एक छोटा चम्मच
काली मिर्च – 20 दरदरी कुटी हुई
मोयन (आटा लगाते समय डालने के लिए घी या तेल) – 125 ग्राम (आधा कप से थोड़ा अधिक)
तेल (रिफाइन्ड) – आवश्यकतानुसार
विधि :
फारसी पूरी रेसिपी बनाने के लिए सबसे पहले मैदे में नमक मिला कर इसे किसी बर्तन में अच्छे से छान लीजिए। मैदे में अजवायन, जीरा, काली मिर्च और मोयन भी डाल दीजिए। अगर आप मोयन के लिए तेल डाल रहे हैं तो इसे ऐसे ही डाल लें लेकिन अगर घी डाल रहे हैं तो इसे पिघला कर डालिए।
अब धीरे-धीरे इसमें गुनगुना पानी डालते हुए आटे को सख्त गूंथ लीजिए। गूंथने के बाद आटे को सैट होने के लिए आधे घंटे के लिए अच्छे से ढक कर रख दीजिए। गुंथे हुए इस आटे की छोटी- छोटी गोल लोईयां बनाकर तैयार कर लीजिए। एक लोई को चकले पर थोडी़ मोटी पूरी की तरह बेल लीजिए। एक छोटी चम्मच तेल इस बेली हुई पूरी पर डाल कर चारों तरफ अच्छे से फैला दीजिए।
अब इस बेली हुई पूरी को सिरे से उठाते हुए इसे मोड़ना शुरू कीजिए। और फिर मोड़ते हुए इसका रोल बना लीजिए। चाकू लेकर इस रोल से आधा-आधा इंच के गोल टुकडे़ काट लीजिए। एक टुकडे़ को हाथ से दबाते हुए गोलाई में चपटा आकार दीजिए।
इसे किसी अलग प्लेट में रख लीजिए। आटे की बाकी लोईयों को भी इसी तरह से बेल कर रोल तैयार कर लीजिए और फिर काट कर, चपटा करके रख लीजिए। जब सारे चपटे रोल तैयार हो जाएं तो इन्हें एक-एक करके बेल लीजिए। हमें इन्हें ज़्यादा पतला नहीं बल्कि मठरी की तरह थोडा़ मोटा बेलना है।
अब एक कढा़ई में तेल डालकर गैस पर गरम करने के लिए रखिए। इसमें जितनी पूरी आसानी से तली जा सकें उतनी डाल लीजिए। इन्हें पलटते हुए ब्राउन होने तक अच्छे से तल लीजिए। बाकि सारी पूरियों को भी इसी तरह से तल कर एक प्लेट में निकाल कर रख लीजिए।
अब आपकी स्वादिष्ट और कुरकुरी फारसी पूरी रेसिपी यानी गुजराती मठरी बनकर तैयार हैं। इन्हें अच्छे से ठंडा कर किसी एअर टाइट कंटेनर में भर कर रख सकती हैं। इन्हें 2 महीने तक आराम से किसी भी वक्त चाय के साथ या फिर ऐसे ही खा सकते हैं।