तो इसलिए शादी के बाद ‘मंगलसूत्र’ पहनना होता है बेहद जरूरी, जानें इसके पीछे का ये बड़ा राज…

मंगलसूत्र सुहाग की निशानी माना जाता है। इसे सिर्फ शादी शुदा महिलाएं ही पहनती है. शादी के दौरान ये मंगलसूत्र महिला के गले में पहनाया जाता है जिसके बाद ये उसके गले में जीवन भर रहता है। लेकिन ये बात सभी के दिमाग में आती है कि आखिर शादी के बाद ही मंगलसूत्र क्यों पहना जाता है शादी के पहले क्यों नहीं।
मंगलसूत्र विवाह के बाद पहना जाने वाला सबसे अहम आभूषण होता है जिसे कभी नहीं उतारा जाता  है। ये महिलाओं की सुहाग की निशानी के तौर पर भी माना जाता है।
मंगलसूत्र को एक विवाहित महिला का रक्षा कवच भी समझा जाता है। मंगलसूत्र में पीला सोना होता है जिसके साथ काले मोती भी पिरोये जाते हैं।

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सोना माता पार्वती को और काला मोती शिवजी का प्रतीक होते हैं। इसके काले मोती बुरी नज़र से आपके रिश्ते को दूर रखते हैं।
ज्योतिष के अनुसार, मंगलसूत्र में मौजूद सोना कुंडली में बृहस्पति ग्रह को मजबूत बनता है। वहीं काले मोती शनि, राहू, केतु, और मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव से शादीशुदा जोड़े को और उनके परिवार की रक्षा करते हैं।

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