विश्व एकता ही मानवजाति के विकास का एकमात्र मार्ग -डा. भारती गांधी

सी.एम.एस. गोमती नगर में विश्व एकता सत्संग

लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर ऑडिटोरियम में आयोजित ‘विश्व एकता सत्संग’ में बोलते हुए सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका व बहाई धर्मानुयायी डा. भारती गाँधी ने कहा कि मानवजाति के विकास का एकमात्र मार्ग विश्व एकता ही है क्योंकि युद्ध नहीं होंगे तो दुनिया में शान्ति स्थापित होगी और मानवजाति अपने विकास कार्यों को गति दे पायेगा। ईश्वर अपने बच्चों के बीच युद्ध नहीं बल्कि प्रेम चाहते हैं। मनुष्यों को अपने दिमाग, हाथ तथा हृदय का प्रयोग शान्ति के विचारों को प्रसारित-प्रचारित करने हेतु करना चाहिए। यदि मन में युद्ध के विचार उत्पन्न भी हों, तो उन्हें शांति के विचार में परिवर्तित कर देना चाहिए। श्रीमती गाँधी ने कहा कि सीएमएस अपने बच्चों को शांति का पाठ पढ़ाता है, तथापि यही बच्चे बड़े होकर जय जगत का संदेश पूरे विश्व में फैलाते हैं। छोटे-छोटे बच्चों में ही सत्य बोलना, प्यार करना, बड़ों की इज्जत करना इत्यादि गुणों का समावेश करना चाहिए तथा उनके अवगुण दुश्मनी, झगड़ा इत्यादि को पनपने नहीं देने से वे विश्व नागरिक बनेंगे।

विश्व एकता सत्संग में आज सीएमएस महानगर कैम्पस के छात्रों ने एकता, शांति एवं ईश्वरीय गुणों पर आधारित शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। इस अवसर पर बच्चों ने स्कूल प्रार्थना, प्रार्थना नृत्य – ‘एक ही छत के नीचे हो अब सब धर्मों की प्रार्थना’ तथा ‘जब सबकी एक है धरती’ गीत पर शानदार नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। विश्व एकता सत्संग में आज कई विद्वानों ने अपने सारगर्भित विचार रखे और अपने सारगर्भित विचारों से विश्व एकता व सर्वधर्म समभाव की लौ प्रज्वलित की। अन्त में, सत्संग की संयोजिका सुश्री वंदना गौड़ ने सभी के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया।

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