विधायक हरमीत पठानमाजरा को सरकारी कोठी खाली करने का अल्टीमेटम

विधायक पर आरोप लगाया गया है कि सरकारी आवास का इस्तेमाल सरकार विरोधी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। उनके वकील ने कहा कि आम तौर पर सरकारी आवास को खाली करने के लिए 30 दिनों का समय दिया जाता है। लेकिन विधायक पठानमाजरा के केस में कोई समय नहीं दिया जा रहा है।

दुष्कर्म के केस में फंसे सनौर से आप विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सरकार की ओर से फरार चल रहे पठानमाजरा की पत्नी सिमरनजोत कौर को पटियाला के भूपिंदर नगर स्थित सरकारी कोठी को खाली करने का नोटिस जारी किया गया है।

इसके खिलाफ पठानमाजरा की ओर से अदालत में दायर की गई याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। वकील सिमरनप्रीत सग्गू ने बताया कि अदालत के सामने दलील रखी गई है कि सरकार की ओर से विधायक को अलाॅट की गई सरकारी कोठी को खाली कराने के लिए गलत प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही कहा गया है कि अगर विधायक की तरफ किराया पेंडिंग है, तो बताया जाए, तुरंत इसे अदा कर दिया जाएगा।

वकील ने बताया कि आम तौर पर सरकारी आवास को खाली करने के लिए 30 दिनों का समय दिया जाता है। लेकिन विधायक पठानमाजरा के केस में कोई समय नहीं दिया जा रहा है। विधायक पर आरोप लगाया गया है कि सरकारी आवास का इस्तेमाल सरकार विरोधी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। वकील ने बताया कि अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।

दुष्कर्म केस में फरार हैं पठानमाजरा
गौरतलब है कि जीरकपुर की महिला गुरप्रीत कौर की शिकायत पर पठानमाजरा के खिलाफ पटियाला के थाना सिविल लाइन में दुष्कर्म का केस दर्ज किया गया था। महिला ने आरोप लगाया था कि विधायक ने उसे तलाकशुदा होने का झांसा देकर दूसरी शादी की। जिसके बाद उसका यौन शोषण किया गया और मारपीट भी की गई। इसके बाद दो सितंबर की सुबह को हरियाणा के गांव डबरी से पठानमाजरा फरार हो गया था।

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